आरक्षण कैसा भी हो, 50% से अधिक नहीं हो सकता, नई प्रक्रिया निरस्त: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट - MP NEWS

जबलपुर
। डॉ हेमलता गुप्ता विरुद्ध उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि आरक्षण कैसा भी हो, 50% से अधिक नहीं हो सकता। इसी के साथ डिपार्टमेंट के कर्मचारियों के लिए आरक्षक भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया।

याचिकाकर्ता डा. हेमलता गुप्ता की ओर से ग्वालियर के अधिवक्ता राजेंद्र श्रीवास्तव व जबलपुर के अधिवक्ता नीलेश कोटेचा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि ग्वालियर के गजराजा मेडिकल कालेज में सहायक प्राध्यापक फिजियोलाजी के पद पर नियुक्ति के लिए एक विज्ञापन जारी किया गया।

इसमें यह शर्त लागू कर दी गई कि केवल महाविद्यालय में कार्यरत चिकित्सक ही नियुक्ति के पात्र होंगे, इसीलिए याचिकाकर्ता जो कि इस मेडिकल कालेज के बाहर की थीं, उनका आवेदन निरस्त हो गया। चूंकि मेडिकल कालेज ने शत-प्रतिशत आरक्षण लागू करने की गलती की है, अत: सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश का साफ तौर पर उल्लंघन हुआ है। 

संविधान के अनुच्छेद-14 के तहत भी यह रवैया अनुचित है। सभी सीटें केवल उसी कालेज के आवेदकों के लिए निर्धारित करना ठीक नहीं। इससे याचिकाकर्ता सहित अन्य बाहरी आवेदकों का हक मारा गया है। इसलिए याचिकाकर्ता का निरस्त किया गया आवेदन भी स्वीकार होना चाहिए। इसके बाद साक्षात्कार प्रक्रिया में जो पात्र पाया जाए, उसे नियुक्ति दी जानी चाहिए। 

हाई कोर्ट ने तर्क से सहमत होकर मनमाना आरक्षण निरस्त करते हुए नये सिरे से भर्ती प्रक्रिया अपनाने की व्यवस्था दे दी।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!