भोपाल। मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में दिग्गजों की पोल खोल कर रख दी है। कहा जाता है कि शिवराज सिंह चौहान के नाम पर मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को वोट मिलते हैं लेकिन यदि सीहोर पंचायत चुनाव के आंकड़े देखें तो शिवराज सिंह के नाम पर उनके गृह जिले में लोगों ने वोट नहीं दिए।
शिवराज सिंह का फैसला गलत साबित
मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव में किसी भी पार्टी का टिकट नहीं मिलता लेकिन चुनाव फिर भी पार्टी के आधार पर ही होता है। सीहोर जिला पंचायत में 17 वार्ड हैं। यह शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला है। स्वभावी के प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने की अनुमति शिवराज सिंह की तरफ से ही मिली होगी। उनका फैसला गलत साबित हुआ क्योंकि उन से बगावत करके चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार जीत गए हैं।
कमलनाथ की तरह शिवराज सिंह को भी पूर्ण बहुमत नहीं मिला
जो हालत छिंदवाड़ा में कमलनाथ की हुई, उससे थोड़ी खराब हालत शिवराज सिंह की सीहोर जिले में है। छिंदवाड़ा में 26 सीटों में से 12 सीट कांग्रेस के पास और 11 भाजपा के पास हैं। किसी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। सीहोर में 17 सीटों में से 7-7 सीटें भाजपा और कांग्रेस के पास है। किसी को बहुमत नहीं मिला।
अब शिवराज सिंह को यदि अपना जिला पंचायत अध्यक्ष बनाना है तो बागियों को मनाना पड़ेगा नहीं तो कांग्रेस की जिला सरकार पक्की है।