ग्वालियर। पंचायत चुनाव भले ही पार्टी के टिकट पर नहीं लड़े गए लेकिन पार्टी का झंडा लेकर जरूर लड़े गए। भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के नेता जिला पंचायतों पर कब्जा करने के लिए मोर्चा संभाल चुके हैं। सभी दिग्गज नेताओं की समीक्षा हो रही है। इधर ग्वालियर अंचल में ज्योतिरादित्य सिंधिया का जलवा कायम है।
रिपोर्ट कार्ड कहता है कि भारतीय जनता पार्टी के विशेषज्ञों ने एक लिस्ट तैयार की है। इसमें बताया गया है कि कितनी जिला पंचायतों में भारतीय जनता पार्टी का जिला अध्यक्ष सुनिश्चित है। चिंता की कोई बात नहीं है। कितनी जिला पंचायतों में अध्यक्ष पद के लिए मोर्चाबंदी, राजनीति और रणनीति की जरूरत है और कितनी जिला पंचायतें हाथ से निकल निकलकर पंजे में पहुंच गई हैं।
A कैटेगरी (जिला पंचायत पर भाजपा का कब्जा) में ग्वालियर, शिवपुरी, गुना और अशोक नगर के नाम शामिल हैं। क्षेत्र का गणित कुछ भी हो, केंद्र में मैसेज यही जाएगा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले इलाके में जिला पंचायत पर भाजपा ने कमलनाथ और कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया। केंद्रीय मंत्री और चंबल के राजा नरेंद्र सिंह तोमर की मुरैना, श्योपुर और भिंड जिला पंचायतों पर भी भाजपा का कब्जा है। डॉ नरोत्तम मिश्रा के दतिया में भी जिला पंचायत की छत पर भाजपा का चुनाव चिन्ह दिखाई दे रहा है।
कुल मिलाकर ग्वालियर चंबल संभाग में कांग्रेस पार्टी का सूपड़ा अभी भी साफ ही है। कमलनाथ का मैनेजमेंट और मोटिवेशन और कांग्रेस के चाणक्य दिग्विजय सिंह की रणनीति इस बार भी सफल नहीं हुई। वैसे कांग्रेस का दावा है कि मुरैना, ग्वालियर और शिवपुरी जिला पंचायत में उनकी पार्टी के नेता अध्यक्ष बनेंगे।