भोपाल। नवीन व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत स्कूलों में कार्यरत व्यावसायिक प्रशिक्षकों के साथ काफी बुरा बर्ताव किया जा रहा है। पिछले 4 महीने से वेतन नहीं दिया गया है। आउट सोर्स कंपनी कहती है कि लोक शिक्षण संचालनालय से मांगो या फिर दूसरी नौकरी ढूंढ लो।
व्यावसायिक प्रशिक्षकों ने बताया कि उन्हें वैसे भी न्यूनतम वेतन मिलता है। 4 महीने से वह भी नहीं मिला है। इसके कारण परिवार की पूरी अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई है। बच्चों की फीस तक बकाया हो गई है। नियोक्ता कंपनी के अधिकारियों से बात करने की अनुमति नहीं है। कोऑर्डिनेटर से निवेदन करो तो धमकी देते हैं। अब तो कहने लगे कि अपनी सैलरी DPI Bhopal से मांगो हमसे नही।
व्यावसायिक प्रशिक्षकों का शोषण केवल आउटसोर्स कंपनी नहीं कर रही। यदि कोई DPI BHOPAL में ई-मेल के माध्यम से निवेदन भर कर दे तो उसके निवेदन पर कोई विचार नहीं किया जाता बल्कि उसकी पूरी जानकारी कंपनी को दे दी जाती है। फिर कंपनी प्रताड़ित करना शुरू कर देती है।