इंदौर। पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने विधायक के नाते मिलने वाली निःशुल्क रेल यात्रा की सुविधा को छोड़ दिया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को पत्र लिखकर इसकी सूचना दी। साथ ही सांसद, विधायक और पूर्व जनप्रतिनिधियों को दी जा रही निःशुल्क यात्रा की सुविधा पर सवाल उठाते हुए वरिष्ठ नागरिकों को पहले की तरह रेल टिकट में छूट की सुविधा को बहाल करने की मांग की।
मध्य प्रदेश में विधायकों को राज्य के भीतर और बाहर अकेले प्रथम श्रेणी वातानुकूलित में यात्रा की सुविधा। एक साथी के साथ प्रथम श्रेणी या वातानुकूलित शयनयान द्वारा यात्रा, किसी भी रेल से राज्य के भीतर और राज्य के बार प्रति वित्तीय वर्ष में दस हजार किलोमीटर तक की यात्रा के लिए निश्शुल्क कूपन दिए जाएंगे। विधानसभा के सत्र या समिति की बैठक में हिस्सा लेने के लिए अपने निवास स्थान से विमान से बैठक स्थल तक पहुंचने के लिए वायुयान से यात्रा करता है तो किराए की प्रतिपूर्ति, राज्य के भीतर 34 बार वायुयान से यात्रा के किराए की प्रतिपूर्ति।
पटवारी ने कहा कि कोरोनाकाल के पहले तक 58 साल से ऊपर की महिला को रेल टिकट में 50 और 60 साल से अधिक के पुरुष को 40 प्रतिशत की छूट मिलती थी। कोरोनाकाल में इसे बंद किया गया और अब इस प्रतिबंध को आगे के लिए भी लागू कर दिया गया है। इसका आधार रेलवे को हो रहे घाटे को बताया जा रहा है, पर जनप्रतिनिधियों को रेल यात्रा पर दी जा रही छूट जारी है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सांसद को पत्नी या पति के साथ प्रथम श्रेणी वातानुकूलित में निश्शुल्क यात्रा की सुविधा है। पूर्व सांसद को भी यही सुविधा मिलती है और पत्नी या पति के साथ द्वितीय श्रेणी की सुविधा प्राप्त है। कोरोनाकाल में भी यह बंद नहीं हुई।
सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले पांच साल में सांसद और पूर्व सांसदों की रेल यात्राओं पर सरकार ने 62 करोड़ रुपये व्यय किए। इसी तरह विधायकों को सुविधा दी जा रही है। जबकि, इन्हें वेतन-भत्तों के साथ पेंशन की सुविधा प्राप्त है। ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों को मिल रही सुविधा को बंद करना न्याय संगत नहीं है। इसलिए मैं विधायक के नाते मुझे मिल रही निश्श्ाुल्क यात्राओं की सुविधाओं को छोड़ रहा हूं। उन्होंने सरकार से वरिष्ठ नागरिकों को पहले की तरह दी जा रही रेल टिकट पर छूट को बहाल करने की मांग की।