ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में बिजली बिल 34 अरब 19 करोड़ 53 लाख 25 हजार 293 रुपए आया। मोबाइल पर बिल का मैसेज आते ही पहले तो परिवार को लगा कि कोई गड़बड़ होगी, लेकिन जब ऑनलाइन चेक किया तो यही रकम दिख रही थी। जिसके बाद मकान मालकिन महिला और उसके पिता का ब्लड प्रेशर बढ़ गया। दोनों को हॉस्पिटल ले जाना पड़ा।
शहर के सिटी सेंटर मेट्रो टावर के पीछे शिव विहार कॉलोनी में एडवोकेट संजीव अपनी पत्नी और ससुर के साथ रहते हैं। घर का मीटर उनकी पत्नी प्रियंका गुप्ता के नाम पर है। प्रियंका गृहणी हैं। संजीव ने बताया कि पत्नी के मोबाइल पर पिछले हफ्ते मैसेज आया। इसमें इस बार का उनका बिजली बिल 34 अरब 19 करोड़ 53 लाख 25 हजार 293 रुपए का बताया गया। बिल देखते ही पत्नी और ससुर राजेंद्र प्रसाद गुप्ता का BP बढ़ गया। ससुर हार्ट पेशेंट हैं। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अब घर का बिल घटाकर 1300 रुपए कर दिया गया है।
जांच की तो पता चला कि बिजली कर्मचारी ने बिल की राशि में मीटर रीडिंग की जगह सर्विस नंबर भर दिया था। इसके बाद यह बिल जनरेट हुआ। इस गलती पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बड़ा एक्शन लिया। उन्होंने एक कर्मचारी को बर्खास्त, तो दूसरे को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही जूनियर इंजीनियर को नोटिस जारी किया है।
संजीव ने बताया कि 30 जुलाई तक बिल भरना था, नहीं तो पेनाल्टी भी लगनी थी। इसके बाद उन्होंने बिजली विभाग के कई चक्कर लगाए। अफसरों को अपनी बात समझाई। बिजली विभाग के अफसरों ने भी गलती मानी और करेक्शन कराया। बिजली कंपनी ने तो इसे मानवीय भूल बता दिया, लेकिन इससे हमारे घर के लोगों की तबीयत बिगड़ गई।
बिजली कंपनी के महाप्रबंधक ने कहा
यह एक मानवीय भूल है। इसे सुधारा जा चुका है। गलती करने वाले APO को बर्खास्त कर दिया गया है। असिस्टेंट रेवेन्यू ऑफिसर को सस्पेंड कर दिया गया है। जूनियर इंजीनियर को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। गलती हुई है, तो एक्शन लिया गया है।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि गलती हुई है, इसे तत्काल सुधारा गया है। कार्रवाई भी की जा रही है। हमने कितनी जल्दी गलती को सुधारा गया, उसे सभी देखिए।