भगवान शिव का सूखे रुद्राक्ष से श्रंगार क्यों करते हैं, पढ़िए- amazing facts in Hindi

Bhopal Samachar
हम जब भी भगवान का श्रृंगार करते हैं तो हमेशा फ्रेश और फॉरएवर चीजों का उपयोग करते हैं। फ्रेश यानी फूल और फॉरएवर यानी आभूषण परंतु जब भगवान शिव का सिंगार करते हैं तो उसमें सूखे हुए रुद्राक्ष का उपयोग किया जाता है। सवाल यह है कि पाताल से लेकर अंतरिक्ष तक सभी दिशाओं और सभी प्रकार के प्राणियों द्वारा पूजे जाने वाली महादेव का श्रृंगार सूखे हुए रुद्राक्ष से क्यों किया जाता है। 

रुद्राक्ष कितना पावरफुल होता है, क्या-क्या पाया जाता है

रुद्राक्ष में 50% कार्बन,0.95% नाइट्रोजन, 17.897% हाइड्रोजन एवं 30.5.3% ऑक्सीजन होता है। इसके अलावा रुद्राक्ष में आयरन, जिंक, गोल्ड, मैग्नीशियम, पोटेशियम, कार्बन मोनोऑक्साइड, निकल और कई प्रकार की धातु पाई गई है। रुद्राक्ष के अंदर एक स्ट्रांग इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड के लिए होती है। 

इसके कारण रुद्राक्ष शरीर में संतुलन का काम करता है। रुद्राक्ष किसी भी चीज को बढ़ने नहीं देता। आप जानते ही हैं कि ब्लड प्रेशर, गुस्सा, डर, डिप्रेशन और ऐसी बहुत सारी चीज है यदि संतुलित ना रहे तो जानलेवा हो जाती हैं। रुद्राक्ष इन सब को संतुलित करने का काम करता है। क्योंकि भगवान शिव व्योमकेश हैं, सृष्टि का सृजन उन्हीं से होता है और समापन भी। अंतरिक्ष में जितनी भी गतिविधियां होती हैं, सभी के कर्ता शिव माने जाते हैं। इसलिए उनका संतुलित होना अनिवार्य है। 

अब तो वैज्ञानिकों का भी मानना है कि जो मनुष्य असली रुद्राक्ष धारण करते हैं उनका व्यवहार संतुलित होता है।
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