भगवान शिव का जन्म एवं मृत्यु कब और कहां
शास्त्रों में स्पष्ट उल्लेख है। भगवान शिव का ना आदि है ना अंत। यानी भगवान शिव का ना तो जन्म हुआ और ना ही मृत्यु होगी। विष्णु पुराण के अनुसार भगवान शिव, भगवान विष्णु के तेज से प्रकट हुए। अतः भगवान शिव के माता एवं पिता नहीं है, क्योंकि शिव स्वयंभू है, लेकिन उनका परिवार है।
भगवान शिव की कितनी पत्नियां थी
भगवान शिव ने पृथ्वी पर जीवन का प्रसार किया इसलिए उन्हें आदिदेव कहा जाता है।आदि का अर्थ होता है प्रारंभ। भगवान शिव की अर्धांगिनी का नाम सती है, लेकिन जब भगवान शिव ने पृथ्वी पर मनुष्य को परिवार का संदेश दिया। तब माता सती ने पार्वती के रूप में जन्म लिया। शेष जितने भी नाम लिए जाते हैं सभी माता पार्वती के नाम हैं।
भगवान शिव के कितने पुत्र हैं
श्री गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, अय्यप्पा और भूमा को भगवान शिव के पुत्रों की मान्यता दी जाती है। सिर्फ श्रीगणेश ही नहीं उपरोक्त सभी के जन्म अर्थात प्रकट होने की कथाएं बड़ी रोचक हैं। भगवान शिव की पंचायत में भगवान सूर्य, श्री गणेश, माता पार्वती, रुद्र और भगवान विष्णु शामिल हैं।