Small business ideas- ना दुकान ना लैपटॉप चाहिए, क्लाइंट के ऑफिस में बैठकर पैसा कमाइए

जब भी हम किसी बिजनेस की बात करते हैं तो एक स्पेस बहुत जरूरी होता है। जहां वह अपना काम करते हैं। यह कोई दुकान हो सकती है या फिर अपने घर का कोई रूम हो सकता है। यदि आप कंप्यूटर और इंटरनेट से जुड़ा कोई काम करना चाहते हैं तो कम से कम एक लैपटॉप की जरूरत तो होती ही है लेकिन हम आपको बताते हैं एक ऐसा स्टार्टअप आइडिया जिसमें ना तो कोई दुकान चाहिए और ना ही लैपटॉप। आप क्लाइंट के ऑफिस में बैठकर, उसका कंप्यूटर और ऑफिस स्पेस यूज करके, उसी से फीस चार्ज करेंगे।

New Startup ideas- personal branding consultant

इंटरनेट के ऊपर आजकल हर आदमी सेलिब्रिटी बनना चाहता है। डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट, आर्टिस्ट, पॉलीटिकल लीडर्स यहां तक कि सोशल वर्कर्स तक सेलिब्रिटी बनना चाहते हैं। सबको फॉलोअर्स चाहिए। यही कारण है कि पर्सनल ब्रांडिंग का कारोबार बहुत तेजी से बढ़ रहा है। छोटे शहरों में लोग इसके लिए एक कर्मचारी को नौकरी पर रखते हैं जिसे थोड़ा बहुत ज्ञान हो होता है। मेट्रो सिटीज में इस काम के लिए एजेंसी हायर की जाती है जो बहुत महंगी होती है। 

पर्सनल ब्रांडिंग कंसलटेंट एक ऐसा प्रोफेशन है जो बिल्कुल नया है लेकिन हाई डिमांड में हैं। ऊपर वाली दोनों प्रॉब्लम का सॉल्यूशन है। आप क्लाइंट के पर्सनल ब्रांडिंग कंसलटेंट बनेंगे। सप्ताह में 1 दिन या 10 दिन में 1 दिन उसके ऑफिस में जाएंगे और काम करेंगे। इस प्रकार आपके पास बहुत सारे क्लाइंट होंगे। क्लाइंट को एक नियमित कर्मचारी नहीं रखना पड़ेगा। सस्ते में स्किल्ड और एक्सपर्ट मिल जाएगा। एजेंसी को मोटा पैसा भी नहीं देना पड़ेगा। आपके लिए फायदेमंद यह है कि ऑफिस नहीं खोलना पड़ेगा। स्टाफ नहीं रखना पड़ेगा। 

How to run personal branding consultancy

पर्सनल ब्रांडिंग का काम बहुत बड़ा होता है। सोशल मीडिया व्हीकल इतने ज्यादा हो गए हैं कि सब को मैनेज करना काफी टफ टास्क है और फिर बायोसाइट बनाना भी तो जरूरी है। इसमें से आप केवल वह काम कीजिए जो आपको आता है। बाकी सारे कामों को आउट सोर्स कर दीजिए। बहुत सारे फ्रीलांसर अपनी-अपनी फील्ड में स्पेशलिस्ट है और क्लाइंट के पास काम मांगने नहीं जाते। आप उन्हें अपना काम दे सकते हैं। थोड़ी सी स्मार्ट वर्किंग पर आप बड़ा पैसा कमा सकते हैं। कृपया याद रखिए सोशल मीडिया मैनेजर और पर्सनल ब्रांडिंग कंसलटेंट में बड़ा अंतर होता है। इसे समझने के लिए गूगल पर थोड़ा सर्च कीजिए।

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