ग्वालियर। श्योपुर में एक बार फिर पिछले साल जैसे बाढ़ के हालात बनने लगे हैं। सरकार ने साल भर में कोई इंतजाम नहीं किया। यदि इस बार स्थिति बिगड़ी तो भारी पड़ जाएगी। पहली बारिश में नदी नाले उफान पर आ गए। इलाकों में पानी भरने लगा है। कलेक्टर शिवम वर्मा सारी रात जागते रहे ताकि कहीं कोई हादसा ना हो जाए।
नदी नालों का पानी सड़क पर आ गया है। आम रास्ते पानी में डूब गए। श्योपुर का संपर्क मध्यप्रदेश से टूट गया। ग्वालियर एवं शिवपुरी की तरफ जाने वाले सभी रास्ते बंद हो गए। रात भर कई लोगों के जलभराव में फंसे होने की खबरें आती नहीं। कलेक्टर कार्यालय की तरफ से बताया गया है कि वावनदा नदी में फंसे युवक रामजीलाल आदिवासी को होमगार्ड की टीम ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। वह पेड़ पर चढ़ा हुआ था। इस रेस्क्यू ऑपरेशन को एसडीएम लोकेंद्र सरल लीड कर रहे थे।
आदिवासी दंपति बाढ़ में बह गए, मौत
रविवार शाम भारी बारिश की वजह से श्योपुर में नदी-नाले उफना गए। देर रात आवदा थाना इलाके में दंपती बरसाती नदी में बह गए। कैलोर पंचायत के केरका गांव के रामस्वरूप आदिवासी और उनकी पत्नी रात 9 बजे जंगल से लौट रहे थे। बरसाती नदी को पार करते वक्त दोनों बह गए। देर रात रामस्वरूप का शव बरामद कर लिया गया। महिला लापता है।
कलेक्टर ने आधी रात में अपील जारी की
मूसलाधार बारिश के कारण जिले में नदी और नालों का जलस्तर बढ़ रहा है। इसलिए सभी लोग सावधानी रखें। नदी नालों के आसपास ना जाए। रात में किसी भी स्थिति में किसी विचार और संरचना के आसपास बिल्कुल न जाएं। सावधान रहें। किसी भी प्रकार की संकट की स्थिति में कंट्रोल नंबर 07530222631 रूम से सहायता मांगे। कलेक्टर ने बताया कि किसी भी नदी नाले का जलस्तर खतरे के निशान तक नहीं पहुंचा है। इसलिए फिलहाल कोई चिंता की बात नहीं है।