भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल 772 कृषि अधिकारियों की नियुक्ति की फाइल दबाए बैठे हैं। MPPEB द्वारा आयोजित परीक्षा और तमाम चयन प्रक्रिया पूरी कर चुके उम्मीदवार अप्वाइंटमेंट लेटर का इंतजार कर रहे हैं। याद दिलाना जरूरी है कि यह वही भर्ती प्रक्रिया है जिसमें परीक्षा के समय घोटाला हुआ था।
नियमानुसार रिक्त पदों की गणना करने के बाद ही भर्ती हेतु विज्ञापन जारी होता है। मध्य प्रदेश के कृषि विभाग में भी ऐसा ही हुआ तभी तो रिक्त पदों की संख्या 772 घोषित की गई। स्वाभाविक है भर्ती परीक्षा के बाद उनकी नियुक्ति डिमांड नोट के आधार पर ही होनी चाहिए लेकिन यहां कुछ और हो रहा है। वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी (एसएडीओ) और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी (आरएईओ) की परीक्षा संपन्न हो जाने के बाद विचार किया जा रहा है कि इनकी नियुक्तियां कहां और किस प्रकार करनी है।
उल्लेख करना अनिवार्य है सन 2021 में MPPEB द्वारा उपरोक्त पदों की भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया था। जिसमें घोटाला प्रमाणित हुआ था और परीक्षा रद्द कर दी गई थी। मीडिया ट्रायल में इस घोटाले के सूत्र चालक के नाम का खुलासा भी हो गया था परंतु घोटालेबाज के हाईप्रोफाइल और पावरफुल होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई केबल फिर से परीक्षा का आयोजन किया गया।
दूसरी बार भी परीक्षा का रिजल्ट आ गया है। उम्मीदवार अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं परंतु पोस्टिंग के फार्मूले के नाम पर कृषि मंत्री ने फाइल अपने पास बुलवा ली एक महीना होने को आ गया कृषि मंत्री फाइल दबाए बैठे हैं। ताजा बयान सामने आया है कि चुनाव के कारण थोड़ी देर हो गई है। सवाल यह है कि चुनाव अचानक नहीं आए हैं और फिर रिक्त पदों के विरुद्ध ही तो परीक्षा हुई है। पोस्टिंग के लिए किसी फार्मूले की क्या जरूरत है।