ग्वालियर। अग्निपथ योजना के खिलाफ उपद्रव के मामले में ग्वालियर पुलिस ने कुछ कोचिंग संचालकों को हिरासत में लिया है। आरोप है कि कोचिंग संचालकों ने उम्मीदवारों को मिसगाइड किया और उन्हें उपद्रव करने के लिए उकसाया। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि उपद्रव में रेलवे को हुई नुकसान की भरपाई कोचिंग संचालकों से वसूली जाएगी।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को ग्वालियर में अचानक कुछ युवाओं ने उपद्रव शुरू कर दिया था। पहले गोला का मंदिर क्षेत्र में चक्का जाम किया और टायर जलाए। यातायात को प्रभावित किया एवं आम नागरिकों में दहशत का माहौल बन गया। इसके बाद बिरला नगर रेलवे स्टेशन में घुसकर आपराधिक हिंसा की एवं रेल रोकने के लिए परियों को बाधित कर दिया। इसके कारण रेल यातायात प्रभावित हुआ।
आंदोलन और उपद्रव में क्या अंतर होता है
भारत में विरोध प्रदर्शन करना संविधानिक अधिकार है। सरकार की नीतियों के खिलाफ जनता अपना पक्ष प्रस्तुत कर सकती है। इसके लिए एक निर्धारित प्रक्रिया होती है। उन्हें स्थानीय प्रशासन को इसकी सूचना देनी होती है और यह सुनिश्चित करना होता है कि उनके प्रदर्शन के कारण आम जनजीवन प्रभावित नहीं होगा। उपद्रव बिना सूचना के अचानक होता है। इसमें संगठन नहीं बल्कि भीड़ होती है। आपराधिक गतिविधियां की जाती हैं। कई बार लूटपाट भी होती है।