ग्वालियर। ग्वालियर के साथ हमेशा पक्षपात होता है। यहां विकास कार्य भी ऐसे हाथों में दिए जाते हैं जिन के पंजे खराब होते हैं। मध्य प्रदेश का हाउसिंग बोर्ड आज भी 80 के दशक के सिस्टम पर काम कर रहा है और ऐसी एजेंसी को हाइटेक आईटी पार्क बनाने का जिम्मा सौंप दिया गया है।
ग्वालियर में आईटी पार्क की प्लानिंग ऐसी ताकि फेल हो जाए
आईटी पार्क पूरे भारत में तैयार किए गए हैं और सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं। ग्वालियर का आईटी पार्क बनने से पहले ही फेल हो गया। दरअसल पूरी प्लानिंग की गई थी ताकि आईटी पार्क का प्रोजेक्ट फेल हो जाए। अभी चुनाव आ रहे हैं इसलिए फिर से आईटी पार्क सुर्खियों में लाया जा रहा है परंतु इस बार भी एमपी हाउसिंग बोर्ड को काम लेकर स्पष्ट कर दिया कि ग्वालियर का आईटी पार्क या तो पूरा बनेगा ही नहीं और यदि बन गया तो देश का सबसे देहाती और घटिया आईटी पार्क होगा।
80 के दशक का हाउसिंग बोर्ड आज तक अपडेट नहीं हुआ
मध्य प्रदेश में हाउसिंग बोर्ड का गठन इसलिए किया गया था ताकि मिडिल क्लास और लोअर मिडल क्लास के लोगों को लागत मूल्य पर मकान बना कर दिए जा सके। यह अपने आप में आज भी बहुत बड़ा काम है लेकिन प्राइवेट बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए हाउसिंग बोर्ड को पूरी तरह से ठप कर दिया गया।
अब तो नगरपालिका में भी प्रॉपर्टी टैक्स ऑनलाइन जमा होता है लेकिन हाउसिंग बोर्ड में सारा वित्तीय व्यवहार ऑफलाइन होता है। हाउसिंग बोर्ड का ऑफिस देखकर आपको लगेगा कि आप 80 के दशक में पहुंच गए हैं। कुछ भी ऑनलाइन नहीं है और ऐसी एजेंसी ग्वालियर का आईटी पाक बनाएगी।