जबलपुर। जैसी की उम्मीद थी, लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा सीएम राइज स्कूल में शिक्षकों की मनमानी पदस्थापना के खिलाफ हाईकोर्ट में दर्जनों याचिकाएं दाखिल हो रही हैं। आज वेकेशन बेंच जस्टिस श्रीमती नंदिता दुबे एवं जस्टिस श्री सुजय पाल की अलग-अलग कोर्ट ने 30 शिक्षकों की पदस्थापना पर रोक लगा दी।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सत्येंद्र ज्योतिषी ने पैरवी करते हुए न्यायालय के समक्ष बताया कि मध्यप्रदेश शासन की महत्वकांक्षी योजना सीएम राइस स्कूल की स्थापना करना था जिसका प्रमुख उद्देश्य उत्कृष्ट एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना था तथा योग्य शिक्षकों के द्वारा तकनीकी शिक्षा एवं अन्य सुविधाएं प्रदान करने का प्रमुख उद्देश्य था।
स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए गए थे एवं यह निश्चित किया गया था कि सीएम राइस स्कूल में पदस्थापना के लिए निश्चित मापदंड के आधार पर परीक्षा में सम्मिलित होना पड़ेगा।
जो अभ्यर्थी सफल होंगे उन्हें चॉइस के आधार पर सीएम राइस स्कूल में पदस्थापना कर दी जाएगी एवं उन्हें उन शिक्षकों से चॉइस फिलिंग के आधार पर प्रथम सीएम राज स्कूल में नियुक्त करने का प्रमुख उद्देश्य था परंतु नियमों की अनदेखी करते हुए अधिकारियों के द्वारा चयनित शिक्षकों को सीएम राइस स्कूल से लगभग 50 से 100 किलोमीटर दूर उनका स्थानांतरण अन्य जिलों में भी कर दिया गया।
जिसके विरुद्ध आवेदक गण आयुक्त लोक शिक्षण संचनालय भोपाल को एक लिखित अभ्यावेदन प्रस्तुत किया था परंतु नियत समय पर कोई निर्णय नहीं होने पर आवेदक गणों ने माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की। माननीय न्यायालय ने आवेदकों को जो शासन के द्वारा स्थानांतरण पदस्थापना आदेश जारी किया गया था उसे नियम विरुद्ध मानते हुए उस पर रोक लगा दी है।
स्थानांतरण आदेश में रोक लगाने के पश्चात शासन को यह आदेशित किया है कि शीघ्र ही इनके आवेदन का निराकरण कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें। याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट प्रवीण दुबे एडवोकेट सत्येंद्र ज्योतिषी एडवोकेट सौरभ सोनी अमित चतुर्वेदी एडवोकेट विशाल यादव एवं अन्य अधिवक्ताओं ने अपना पक्ष माननीय न्यायालय के समक्ष रखा।