नाबालिग बच्चों के अमर्यादित PHOTO-VIDEO अपलोड एवं वायरल करना कितना गंभीर अपराध है - IT Act, 2000

सूचना प्रौद्योगिकी कानून
, 2000 की धारा 67 एवं 67(क) में हमने जाना कि अगर कोई व्यक्ति किसी अश्लील पोस्ट को या कोई लैंगिक प्रदर्शन वाली पोस्ट अर्थात फ़ोटो, वीडियो, ऑडियो या कोई लेख को मोबाइल या कम्प्यूटर से शेयर करता है या सेव रखता है वह उपर्युक्त धारा के अंतर्गत गंभीर अपराध का दोषी होगा। लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपने मोबाइल या कम्प्यूटर से किसी नाबालिग लड़की या लड़के की इस तरह की फ़ोटो, वीडियो या कोई भी पोस्ट शेयर करेगा उस पर अन्य धारा के अंतर्गत मामला दर्ज होगा जानिए।

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम,2000 की धारा 67(ख) की परिभाषा:-

जो कोई व्यक्ति किसी ऐसी सामग्री को किसी नाबालिग लड़के/लड़कियों की कलुषित  पोस्ट, फ़ोटो, वीडियो, ऑडियो, चित्र या पेंटिंग, लेख, आकृति आदि को इलैक्ट्रोनिक साधन(मोबाईल, कम्प्यूटर आदि) द्वारा सोशल साइट पर शेयर करेगा या डाऊनलोड करेगा या किसी को भेजेगा एवं उपर्युक्त पोस्ट के कारण किसी नाबालिग बालक भड़केगा या गलत सोच की ओर उत्प्रेरित होगा तब ऐसी पोस्ट को अपलोड करने वाला व्यक्ति धारा 67(ख) के अंतर्गत दोषी होगा।

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67(ख) के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-

यह अपराध किसी भी प्रकार से समझोता योग्य नहीं है, यह संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध हैं। अधिनियम के अनुसार अपराध का इन्वेस्टिगेशन करने की शक्ति निरीक्षक(इंस्पेक्टर) की नीचे की पक्ति के पुलिस अधिकारी को नहीं हैं। सजा- इस अपराध के लिए अधिकतम पांच वर्ष की कारावास एवं अधिकतम दस लाख रुपए जुर्माना। अगर दूसरी बार यही अपराध करता है तब ऐसे व्यक्ति को सात वर्ष की कारावास और दुवारा दस लाख तक का जुर्माना लग सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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