MP VTs NEWS- कर्मचारियों के नियमित वेतन मामले पर बवाल, आउटसोर्स कंपनियों को नोटिस जारी

Bhopal Samachar
0
भोपाल
। मध्य प्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा संचालित समग्र शिक्षा अभियान सेकेंडरी एजुकेशन की अपर परियोजना संचालक मनीषा सेतिया द्वारा अभियान के लिए व्यवसायिक शिक्षक (VTs- आउटसोर्स कर्मचारी) उपलब्ध कराने वाली HR कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है। कहां है कि यदि आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा शासन स्तर पर सीधे पत्र व्यवहार किया गया तो इसे एचआर कंपनी और समग्र शिक्षा अभियान परियोजना के बीच हुए एग्रीमेंट का उल्लंघन माना जाएगा। 

व्यवसायिक शिक्षक इतना हंगामा क्यों कर रहे हैं

मध्यप्रदेश में व्यवसायिक शिक्षकों ने बवाल काट रखा है। सोशल मीडिया पर जबरदस्त हंगामा कर रहे हैं। पिछले दिनों व्यवसायिक शिक्षकों द्वारा भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय एवं मध्य प्रदेश शासन के विभिन्न विभागों को पत्र लिखकर अपनी समस्या बताई गई। व्यवसायिक शिक्षकों का कहना है कि उन्हें नियमित रूप से वेतन नहीं दिया जा रहा है। वह केवल नियमित रूप से मासिक वेतन प्राप्त करना चाहते हैं। इसी के लिए मध्यप्रदेश शासन एवं भारत सरकार से निवेदन कर रहे हैं। 

अपर परियोजना संचालक का कुतर्क 

समग्र शिक्षा सेकेंडरी एजुकेशन परियोजना से अनुबंधित कुल 34 एचआर कंपनियों को भेजे गए नोटिस में अपर परियोजना संचालक मनीषा सेंतिया द्वारा लिखा गया है कि 'अपने कर्मचारियों को शासकीय कार्यालयों में पत्राचार नहीं करने हेतु निर्देशित करें।' इस प्रकार से अपर परियोजना संचालक ने कंपनियों को निर्देशित किया है कि वह नियमित वेतनमान देने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करें और ऐसा ही हो रहा है, कंपनी की तरफ से नियुक्त किए गए समन्वय अधिकारी, वेतन मांगने वाले व्यवसायिक शिक्षकों को नौकरी से निकालने की धमकी दे रहे हैं।। अपर परियोजना संचालक का उपरोक्त निर्देश यह आरोपित करने के लिए पर्याप्त है कि वह पद के योग्य नहीं है एवं दबाव की स्थिति से मुक्त होने के लिए, निर्धारित शासकीय मर्यादाओं का उल्लंघन कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन

यहां उल्लेख करना प्रासंगिक है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार शासन की किसी भी योजना में काम करने वाले कर्मचारी (फिर चाहे वह 1 दिन के लिए किसी ठेकेदार द्वारा बुलाया गया मजदूर ही क्यों ना हो) के अधिकारों की रक्षा करना शासन का उत्तरदायित्व है। कोई भी शासकीय अधिकारी यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकता कि, संबंधित कर्मचारी नियमित नहीं है अथवा शासन द्वारा नियुक्त नहीं किया गया। 

व्यवसायिक शिक्षक क्या कर सकते हैं 

इस मामले के अध्ययन में पाया गया है कि व्यवसायिक शिक्षकों के पास उचित नेतृत्व नहीं है। उन्हें ठीक प्रकार से आवेदन और ज्ञापन लिखना भी नहीं आता। क्योंकि नियमित वेतन प्राप्त नहीं हो रहा है इसलिए उन्हें जो भी सक्षम अधिकारी नजर आता है उसके सामने न्याय मांगने का प्रयास कर रहे हैं, फिर चाहे हुआ उनकी समस्या के निदान हेतु सक्षम हो या ना हो। बहुत जरूरी है कि व्यवसायिक शिक्षकों को एक उचित नेतृत्व प्राप्त हो एवं नियमित वेतन प्राप्त करने हेतु श्रम विभाग अथवा मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय में सामूहिक रूप से सभी जिम्मेदार कंपनियों के खिलाफ वाद प्रस्तुत किया जाए। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

Post a Comment

0 Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!