मध्यप्रदेश पुलिस रेगुलेशन का नियम क्रमांक 62 (क) में प्रत्येक पुलिस अधिकारी को नियुक्ति होने पर पुलिस विभाग या उसके अधिकृत किसी अधिकारी को एक प्रतिज्ञा या शपथ पत्र हस्ताक्षर करेगा। शपथ पत्र या प्रतिज्ञा में महत्वपूर्ण बात यह होती है कि पुलिस अधिकारी शपथ लेता है कि वह भारत एवं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति श्रद्धा एवं सत्यनिष्ठा रखेगा एवं वह अपने पद के कर्तव्य का सत्यता एवं निष्पक्षता से पालन करेगा। इसी से संबंधित पुलिस अधिकारी को भर्ती होने से पूर्व सेवा शर्त भी मानना होगा जानिए वह कौन कौन सी है-
मध्यप्रदेश पुलिस विनियम क्रमांक 64 की परिभाषा:-
पुलिस नियुक्ति से पूर्व प्रत्येक पुलिस में भर्ती होने वाले उम्मीदवार को निम्न सामान्य सेवा शर्तों से अवगत करा देना आवश्यक हैं-
1. नियुक्ति के बाद प्रत्येक पुलिस अधिकारी केवल पुलिस की सेवा में ही अपना पूरा समय लगाएगा एवं वह किसी व्यापार, व्यवसाय में बिना अनुमति के भाग नहीं लेगा।
2. वह पुलिस अधिकारी के रूप में अपने समस्त कर्तव्यों को निष्ठापूर्वक एवं ईमानदारी, अपनी सर्वोतम योग्यता से पूरा करेगा।
3. वह समस्त नियमों को उद्देश्यों के अनुरूप रखेगा एवं पद की प्रतिष्ठा में ध्यान देने की आदत डालेगा।
4. वह अनुशासन के ही अधीन रहेगा एवं विधि संगत आदेशों का झटपट पालन करेगा।
5. वह वही सेवा-निवास करेगा जहाँ उसे सेवा एवं निवास करने के लिए नियुक्त किया गया है।
6. वह कार्यभार के समय ऐसी साज-सज्जा वर्दी धारण करेगा जैसा उसे निर्देशित किया जाएगा।
7.वह अपने वेतन, भत्तों में होने वाली कटौतियों की अनुमति देगा जो नियमों के अंतर्गत अपेक्षित होगी।
8. वह बिना जिला अधीक्षक की स्वीकृति के किसी अन्य पुलिस अधिकारी से धन संबंधी व्यवहार नहीं करेगा एवं न ही उस जिले के किसी निवासी से ऋण प्राप्त करेगा जहाँ वह सेवारत है अर्थात बिना SP की इजाजत के पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी किसी से भी पैसे उधार नहीं ले सकते।
9. बिना लिखित अनुमति के सेवा नहीं छोड़ेगा एवं छुट्टी नहीं लेगा।
10. वह किसी अवसर या कार्यक्रम में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से कोई भेंट अथवा पुरूस्कार, या फिर किसी भी अन्य प्रकार का शुल्क बिना जिला अधीक्षक की अनुमति के नहीं लेगा।
11. वह सभी अधिकारियों के साथ आदर-सम्मान एवं सभी श्रेणियों (वर्गों) के निजी व्यक्तियों के साथ सहनशीलता, दयालुता, शिष्टता से कार्य करेगा। निजी जीवन में भी वह शांतिपूर्ण व्यवहार का आदर्श प्रस्तुत करेगा एवं सभी प्रकार के पक्षपात से दूर रहेगा।
12. अगर वह पुलिस दल से हटाया जाता है तब वह वर्दी, सज्जा प्राधिकृत अधिकारी को सौंप देगा एवं वह निवास गृह को जो उसे सेवा के रूप में सौपा गया उसे रिक्त कर देगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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