मध्य प्रदेश पुलिस के थाना प्रभारी को कौन कौन सी शक्तियां प्राप्त होती है, जानिए - MP Police Regulation

किसी भी पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी उस थाने का थाना प्रभारी, निरीक्षक या ग्रामीण क्षेत्र में एक उप निरीक्षक हो सकता है। ऐसे थाने के पुलिस अधिकारी को जितनी भी शाक्तियां दे गई है वे दण्ड प्रक्रिया संहिता में वर्णित है एवं इन शक्तियों को मध्यप्रदेश पुलिस विनियम में भी बताया गया है। जानते हैं पुलिस थाना अधिकारी को कौन कौन सी शक्तियां दी गई है।

मध्यप्रदेश पुलिस रेगुलेशन का विनियम क्रमांक 580 की परिभाषा:-

पुलिस रेगुलेशन के अनुसार बड़े नगरों को छोड़कर पुलिस थाना अधिकारी हमेशा उपनिरीक्षक होगा एवं वह अपनी क्षेत्राधिकार सीमा का प्रधान भी होता है एवं किसी भी अपराध का अन्वेषण उसे स्वयं ही करना चाहिए। क्योंकि वरिष्ठ अधिकारी को जबाबदेही भी पुलिस थाना अधिकारी की होती है।

पवन जैन बनाम मध्यप्रदेश राज्य एवं अन्य, 2004

"पुलिस का उपनिरीक्षक ही पुलिस केंद्र का प्रभारी हो सकता है, अगर किसी पुलिस केंद्र में कोई आईपीएस मौजूद है एवं उस समय पुलिस अभिरक्षा में किसी की मृत्यु हो जाती है तब आईपीएस अधिकारी को दोषी नहीं ठहराया जाएगा【पवन जैन बनाम मध्यप्रदेश राज्य एवं अन्य, 2004】 

पुलिस थाना अधिकारी की शक्तियां:-

थाने का भारसाधक अधिकारी मध्यप्रदेश पुलिस विनियम क्रमांक 580 के अनुसार दण्ड प्रक्रिया संहिता की निम्न शक्तियों का उपयोग करते हैं-
1. आवारा एवं संभावित लुटेरों को गिरफ्तार करने की शक्ति 【CrPC की धारा 41(1)】।
2. न्यायालय के विचार क्षेत्र से बाहर निष्पादित किए जाने वाले वारण्ट का पृष्ठांकित करने की शक्ति【CrPC की धारा 79】।
3. अन्वेषण के दौरान अपेक्षित किसी वस्तु को प्रस्तुत करने के लिए लिखित आदेश देने की शक्ति【CrPC की धारा 91 】।
4. अवैध सभाओं को तितर-बितर या हटाने की शक्ति 【CrPC की धारा 129 की उपधारा 1 एवं 2】।

5. अधिकार क्षेत्र में किसी भी स्थान में प्रदेश करने एवं प्रवेश करने एवं झूठे मापों, बाटों की तलाशी लेने की शक्ति 【CrPC की धारा 153】।
6. अपने क्षेत्राधिकार में हस्तक्षेप योग्य में अन्वेषण करने की शक्ति【CrPC की धारा 156 एवं 157】।
7. अन्वेषण के दौरान किसी मकान या अन्य कोई भी स्थान पर किसी वस्तु की तलाशी करने की शक्ति【CrPC की धारा 165】।
8. दुर्घटना संबंधित एवं संदिग्ध मृत्यु की अव्यवस्थाओ के अन्वेषण की शक्ति 【CrPC की धारा 174】।
9. आरोपी को जमानतीय अपराध में प्रतिज्ञा-पत्रों एवं प्रतिभूति (Bond) पर मुक्त कर देने की शक्ति 【CrPC की धारा 56,169,170 एवं 436】।

अतः पुलिस थाना अधिकारी को उपर्युक्त शक्तियों का प्रयोग कैसे करना हैं यह हमने अपने निरंतर पाठकों को दण्ड प्रक्रिया संहिता के लेखों में बता दिया गया है।  (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!