दतिया। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ऋतुराज सिंह चौहान के न्यायालय ने रिश्वतखोरी के मामले में दोषी पाए गए एक क्लर्क को 4 साल जेल की सजा सुनाई है। उपसंचालक पशुपालन विभाग में पदस्थ स्थापना बाबू को लोकायुक्त पुलिस ने सन 2015 में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था।
अभियोजन के अनुसार फरियादी मनोज सिंह यादव ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त को 24 जुलाई 2015 को इस आशय की शिकायत की थी कि वर्ष 2006 में पशु चिकित्सालय सरसई जिला दतिया में पशु परिचायक के पद पर कनड एजेंसी के रूप में पदस्थ हुआ था। उसके स्थायीकरण के लिए आरोपी सुनील भार्गव स्थापना लिपिक ने 2 हज़ार रुपए देने को कहा था और वह स्थाई भी हो गया था।
इसके बाद आरोपी सुनील भार्गव द्वारा फरियादी के स्थायीकरण और भुगतान कराने के लिए बदले में आठ हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई। जिसकी शिकायत उसके द्वारा लोकायुक्त ग्वालियर में की गई। जिस पर विवेचक अतुल सिंह के द्वारा दिनांक 30 जुलाई 2015 को ट्रेप दल का गठन कर सुनियोजित तरीके से ट्रेप की कार्यवाही करते हुए आरोपी को रंगे हाथ पकड़ा गया तथा आरोपी को विशेष न्यायालय (लोकायुक्त) में प्रस्तुत किया गया।
न्यायालय में विचारण के दौरान वकील लक्ष्मी कसाब (विशेष लोक अभियोजक) के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों पर विश्वास करते हुए, आरोपी को दोषी पाया। आरोपी के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने आरोपी को 4 वर्ष की सश्रम कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.