ग्वालियर। आत्मनिर्भर बनने के लिए ग्वालियर की कुछ लड़कियों ने स्टार्टअप शुरू किया। शायद प्लानिंग गड़बड़ थी और पेशेंस कम था। इसलिए शुरुआती स्ट्रगल में ही स्टार्टअप फेल हो गया। खर्चा चलाने और पैसा कमाने के लिए झूठ बोलना पड़ा। यही झूठ IPC की धारा 420 के तहत ठगी का अपराध हो गया। पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और जेल जाना पड़ा।
यह कहानी बलवंत नगर और बिरला नगर में रहने वाली दो सहेलियों की है। दोनों लड़कियों ने अपना बिजनेस शुरू करने के लिए मैट्रिमोनियल साइट की शुरुआत की। थोड़ा इनोवेटिव बनाने के लिए एक कॉल सेंटर भी शुरू किया। मैट्रिमोनियल साइट पर विजिटर्स का आना शुरू हुआ लेकिन ज्यादातर विजिटर्स 35 से 45 साल के पुरुष थे। शादी के हिसाब से यह सभी ओवरेज हो गए थे। किसी भी लड़की से शादी करना चाहते थे। दोनों लड़कियों ने इस प्रॉब्लम को एक अपॉर्चुनिटी की तरह लिया और इसे सॉल्व करने की कोशिश की।
उन्होंने सोचा कि इसी तरह की ओवरेज लड़कियों को फाइंड करके रिश्ता तय करवा देंगे। पुरुषों की तरफ से पहले ही क्लियर हो गया था कि वह पैसा खर्च करने के लिए तैयार है। लड़कियों ने पुरुषों का रजिस्ट्रेशन करना शुरू कर दिया। किसी से 5000 और किसी से ₹11000 लिए, लेकिन पूरा प्लान फेल हो गया क्योंकि इतने सारे पुरुषों के लिए, इतनी संख्या में महिलाएं ही नहीं मिली।
जो पैसा लिया था वह खर्च किया जा चुका था। क्लाइंट से झूठ बोलना शुरू किया और फिर प्रेशर में आकर मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर दिया। इस प्रक्रिया को भारतीय दंड संहिता के अनुसार ठगी का अपराध कहा जाता है, जो धारा 420 के तहत दंडनीय है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार 11 राज्यों में 1400 पुरुषों को ठगी का शिकार बनाया गया है। ज्यादातर पुरुषों ने फॉलो अप कॉल करना बंद कर दिया परंतु SSP ग्वालियर अमित सांघी को एक मुखबिर के जरिए इसकी जानकारी मिल गई और उनके निर्देश पर भी कार्रवाई में चार लड़कियां सहित कुल 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.