भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार चुनाव की तैयारियों में लगी हुई है। शिक्षकों का बड़ा वर्ग नाराज है क्योंकि उसे ना तो क्रमोन्नति मिली ना ही पदोन्नति इसलिए मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार सन 2006 के बाद नियुक्त हुए 80000 शिक्षकों को क्रमोन्नति देने की योजना बना रही है।
मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री ने आज विधानसभा में बताया कि सरकार मालामाल है और कोई कमी नहीं है लेकिन शिक्षा मंत्री विधानसभा में यह नहीं बता पाएगी शिक्षकों को क्रमोन्नति कब तक मिल जाएगी। विधायक राकेश मावई के प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी सरकार की ओर से स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदरसिंह परमार ने विधानसभा में लिखित में दी।
अध्यापकों की नियुक्ति हुई है या संविलियन, पढ़िए सरकार का जवाब
विधायक ने यह भी पूछा है कि अध्यापक संवर्ग की स्कूल शिक्षा विभाग में नियुक्ति की गई है या संविलियन। इस पर सरकार ने बताया कि मप्र राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम 2018 के तहत कार्रवाई की गई है।
कर्मचारियों को प्रमोशन कब देंगे, नहीं बता सकते: शिवराज सरकार
विधायक ने राज्य शिक्षा केंद्र सहित अन्य इकाइयों के परस्पर संविलियन का सवाल किया, जिस पर सरकार ने साफ किया है कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। वहीं मिडिल, हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में पूर्णकालिक प्रधानाध्यापक और प्राचार्य की भर्ती एवं पदोन्नति के सवाल पर सरकार ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस मामलें में कोर्ट ने यथास्थिति के निर्देश दिए हैं। इसलिए समय सीमा नहीं बता सकते हैं।
सहायक शिक्षकों के मामले में भी कोई डेट लाइन नहीं
विधायक निलय विनोद डागा ने पूछा है कि सहायक शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान के आधार पर पदनाम कब तक मिलेगा। इस पर सरकार ने साफ कर दिया है कि समय सीमा बता पाना संभव नहीं है। क्योंकि प्रकरण नीतिगत स्वरूप का है। डागा का सवाल था कि मुख्यमंत्री ने सितंबर 2017 में भोपाल और दिसंबर 2017 में नसरुल्लागंज में आयोजित शिक्षक सम्मेलन में सहायक शिक्षकों को क्रमोन्नति के आधार पर पदनाम देने की घोषणा की थी। जिसका पालन चार साल बाद भी नहीं हो रहा है। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.