शेडनेट हाउस से खेती में फायदा होता है या नहीं, पढ़िए- MP KISAN NEWS

भोपाल।
भारत के ज्यादातर मध्यमवर्गीय किसान खेती में आधुनिक तरीकों और उपकरणों का प्रयोग करने से पहले हमेशा यह जानने के लिए उत्सुक रहते हैं कि जिन लोगों ने पहले प्रयोग किया है उनका अनुभव कैसा रहा। शेडनेट हाउस और पॉलीहाउस के मामले में भी इसी प्रकार के सवाल किए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में बैतूल के एक किसान ने दावा किया है कि शेडनेट हाउस के कारण उन्हें मोटा मुनाफा होने लगा है। 

बैतूल जिले के विकासखंड आमला के ग्राम डूडरिया के किसान श्री संतोष रोडले उद्यानिकी विकास की क्लस्टर आधारित संरक्षित खेती परियोजना में शेडनेट हाउस पद्धति से ककड़ी की फसल उत्पादन कर सालाना तीन लाख रूपये से अधिक का फायदा अर्जित कर रहे हैं। उद्यानिकी विभाग की योजनाओं से जुड़ने के पहले वे अपनी कृषि भूमि में मक्का एवं सोयाबीन की परम्परागत खेती करते थे, जिससे इतना फायदा नहीं होता था।

संतोष को वर्ष 2019-20 में उद्यानिकी विभाग से क्लस्टर आधारित संरक्षित खेती शेडनेट हाउस निर्माण की जानकारी मिली। संतोष ने कृषक अंश राशि जमा कर वर्ष 2019-20 में लगभग एक एकड़ कृषि भूमि पर शेडनेट हाउस बनाया। उन्होंने शेडनेट हाउस के अंदर ककड़ी की फसल ली। 

ककड़ी फसल की तैयारी पर कुल अनुमानित लागत लगभग डेढ़ लाख रूपये आई। ककड़ियाँ तकरीबन 4 लाख 80 हजार रूपये में बिकी, जिससे शुद्ध आय 3 लाख 20 हजार रूपये हुई। संतोष बताते है कि शेडनेट हाउस पद्धति की खेती से हुई अच्छी आय से उनकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें. 

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