MP NEWS- खनिज मंत्रालय की ज़िद के कारण 24 जिलों में रेत की कालाबाजारी

भोपाल।
मध्यप्रदेश शासन के खनिज साधन विभाग मंत्रालय के अधिकारियों की जिद के कारण मध्य प्रदेश के 24 जिलों में रेत की कालाबाजारी शुरू हो गई है। दरअसल, डिपार्टमेंट के अफसरों ने इन जिलों में रेत की खदानों की नीलामी नहीं की है। रेत की डिमांड पूरी करने के लिए माफिया सक्रिय हो गए हैं और बाजार में ₹100 प्रति ट्रॉली रेत महंगी हो गई है। 

मध्यप्रदेश में माफिया की रेत मजबूरी बन गई

खनिज साधन विभाग की इस गलती या फिर सोची समझी साजिश के कारण भवन निर्माताओं के लिए माफिया की रेत मजबूरी बन गई है। यदि अभी तत्काल नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए तब भी इस प्रक्रिया को पूरा होने में 2 महीने का समय लगेगा। इसके बाद पर्यावरण की एनओसी और उत्खनन की अनुमति आदि प्रक्रिया में 3 महीने खर्च हो जाएंगे। जून के महीने में बारिश शुरू हो जाएगी। अक्टूबर 2022 से पहले नदियों में से रेत निकालना मुश्किल होगा। कुल मिलाकर मध्यप्रदेश में कनक साधन विभाग के कारण माफिया की रेत मजबूरी बन गई है।

14 जिलों की खदानें नीलाम करनी थीं 

खनिज विभाग ने दिसंबर 2021 तक 14 जिलों राजगढ़, रीवा, रायसेन, छतरपुर, मंदसौर, आलीराजपुर, शिवपुरी, धार, भिंड, शाजापुर, रतलाम, पन्नाा जिला सहित दो अन्य खदानें नीलाम करने की तैयारी की थी, पर अब तक इनमें से एक भी जिले की खदानें नीलाम नहीं की गई है। जिससे इन जिलों की खदानों से रेत चोरी हो रही है।

इन जिलों में ठेके सरेंडर और निरस्त

रतलाम, भिंड, पन्ना, बैतूल, ग्वालियर, देवास, नरसिंहपुर और डिंडौरी जिलों में रेत खदानें चला रहे ठेकेदारों ने खदानें सरेंडर कर दी हैं, तो भोपाल, नर्मदापुरम (होशंगाबाद), रायसेन, धार, आलीराजपुर, खरगोन, बड़वानी, शिवपुरी, जबलपुर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, मंदसौर, रीवा, राजगढ़ और शाजापुर जिलों की खदानों के ठेके रायल्टी राशि जमा नहीं होने के कारण खनिज विभाग ने निरस्त कर दिए हैं। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !