MP TET VARG 3 TOPIC - भाषा विकास के सिद्धांत Theories of Language Development

Bhopal Samachar
बच्चे के विकास के लिए बहुत सारे कारक जिम्मेदार होते हैं, उन्हीं में से एक कारक है, भाषा (Language) भाषा भावों और और विचारों की अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है, यदि भाषा ना हो तो हम अपनी बात एक दूसरे दूसरे तक पूरी तरह से पहुंचा ही नहीं सकते परंतु भाषा विकास कुछ सिद्धांतों के अनुसार होता है जिन्हें भाषा विकास के सिद्धांत (Theories of Language Development) कहा जाता है। एक बच्चा मुख्य रूप से अनुकरण (imitation), अनुबंधन (Conditional), परिपक्वता (Maturity) आदि के सिद्धांतों के अनुसार सीखता है। 

अनुकरण का सिद्धांत (Theory of imitation)

यह तो हमने देखा ही है कि बच्चे नकल द्वारा आसानी से सीखते हैं। हम कोई भी बात चाहे अच्छी कहे या बुरी बच्चे उसे उसे या बुरी बच्चे उसे दोहराते जरूर हैं परंतु यह भी उनके सीखने का एक प्रकार ही है जिसे अनुकरण कहा जाता जाता है। एक बालक के भाषा के विकास में उसके परिवार, दोस्तों, समाज आदि की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। क्योंकि भाषा अनुकरण से सीखी जाती है। जैसी भाषा वह अपने परिवार या समाज में सुनता है, वह बच्चा भी वैसी ही भाषा आसानी से सीख जाता है। बीएफ स्किनर, चैपनीज,  शर्ली, कर्टि  वैलेंटाइन आदि मनोवैज्ञानिकों ने अनुकरण द्वारा भाषा के सीखने का अध्ययन किया। 

अनुबंधन या सहचार्य का सिद्धांत (Theory Of Conditional) 

आपने अक्सर बच्चों को देखा होगा कि वह बचपन में चंदा मामा का अर्थ एक गोल शेप से समझते हैं और सारी गोल चीजों जैसे - चपाती, पूरी, सिक्के आदि को चांद जैसा गोल ही समझते हैं परंतु फिर धीरे-धीरे उन्हें पता चलता है कि हर चीज चांद नहीं है, हर चीज का अपना एक अलग नाम है, और फिर भी अपने ज्ञान का निर्माण करते हैं। बस यही अनुबंधन या साहचर्य का सिद्धांत है।
 
जब बच्चे छोटे होते हैं (शैशवास्था 2 से 6  वर्ष तक) तब बच्चे, जो शब्द सीखते हैं तब उनका सीखना अमूर्त (Abstract) ना होकर मूर्त (Concrete) होता है, क्योंकि बच्चे किसी वस्तु या व्यक्ति से जोड़-जोड़ कर ही अपने ज्ञान का निर्माण करते हैं। 

परिपक्वता का सिद्धांत (Theory of Maturity) 

भाषा के संबंध में परिपक्वता का अर्थ है, भाषा के अवयव और स्वरों पर नियंत्रण होना क्योंकि हमारे बोलने की क्रिया में जीभ, तालू, दांत, नाक, स्वर यंत्र आदि पर निर्भर होती है। इनमें से किसी भी भाग की कमजोरी होने पर भाषा विकास प्रभावित होता है, परंतु जब ये सभी अंग परिपक्व हो जाते हैं, तो हम भाषा पर नियंत्रण करना सीख जाते हैं। यही परिपक्वता का सिद्धांत है और कब, किस प्रकार की भाषा का उपयोग करना है, यह एक बच्चा सीख जाता है। मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के इंपोर्टेंट नोट्स के लिए कृपया mp tet varg 3 notes in hindi पर क्लिक करें.
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