राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के महत्वपूर्ण तथ्य, सामान्य ज्ञान के लिए जरूरी- Education

• भारत की नई शिक्षा नीति की घोषणा दिनांक 29 जुलाई 2020 को की गई।
• मानव संसाधन विकास मंत्रालय का परिवर्तित नाम शिक्षा मंत्रालय तथा शिक्षा मंत्रालय के प्रथम मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने NEP 2020 की घोषणा की।
• नई शिक्षा नीति को सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं भूतपूर्व इसरो प्रमुख कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा तैयार किया गया। यह स्वतंत्र भारत की तीसरी शिक्षा नीति है।

• इसे वर्तमान प्रचलित शिक्षा नीति 1986 के प्रारूप 10+2+3 के स्थान पर 5+3+3+4 पैटर्न लागू किया गया।
• इस नीति में कक्षा 5 तक क्षेत्रीय भाषा/ मातृभाषा में शिक्षण का प्रावधान है। कक्षा 6 से वोकेशनल पाठ्यक्रम लिया जा सकता है तथा स्नातक पाठ्यक्रम का स्वरूप 4 वर्ष का होगा।
• शोध कार्य अर्थात पीएचडी करने के लिए एमफिल की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। 

• राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य सन 2030 तक उम्र 3 वर्ष से लेकर 18 वर्ष तक के प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। साथ ही छात्रों के मूल्यांकन हेतु परख (PARAKH) नाम से राष्ट्रीय आकलन केंद्र की स्थापना की जानी है।
• राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करने वाला प्रथम राज्य हिमाचल प्रदेश तथा दूसरा  राज्य  मध्य प्रदेश है।
• नई शिक्षा नीति में 5 + 3 + 3 + 4 डिज़ाइन वाले शैक्षणिक संरचना है।
• पाँच वर्ष की फाउंडेशनल स्टेज (Foundational Stage)– आयु 3 से 8 वर्ष। 3 साल का प्री-प्राइमरी स्कूल।
• तीन वर्ष का प्रीपेट्रेरी स्टेज (Prepatratory Stage) आयु 8 से 11 वर्ष। कक्षा 3 से 5 तक।

• तीन वर्ष का मध्य (या उच्च प्राथमिक) चरण – आयु 11 से 14 वर्ष। कक्षा 6, 7, 8
• 4 वर्ष का उच्च (या माध्यमिक) चरण – आयु 14 से 18. कक्षा 9, 10, 11, 12.

• NEP-2020 के तहत स्नातक पाठ्यक्रम में मल्टीपल एंट्री एंड एक्ज़िट व्यवस्था को अपनाया गया है, इसके तहत 3 या 4 वर्ष के स्नातक कार्यक्रम में छात्र कई स्तरों पर पाठ्यक्रम को छोड़ सकेंगे और उन्हें उसी के अनुरूप डिग्री या प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा (1 वर्ष के बाद प्रमाण-पत्र, 2 वर्षों के बाद एडवांस डिप्लोमा, 3 वर्षों के बाद स्नातक की डिग्री तथा 4 वर्षों के बाद शोध के साथ स्नातक)।

• एससी, एसटी, ओबीसी और अन्य सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित समूहों से संबंधित मेधावी छात्रों को प्रोत्साहन के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

• इस नई नीति में विकलांग बच्चों के लिये क्रास विकलांगता प्रशिक्षण, संसाधन केंद्र, आवास, सहायक उपकरण, उपर्युक्त प्रौद्योगिकी आधारित उपकरण, शिक्षकों का पूर्ण समर्थन एवं प्रारंभिक से लेकर उच्च शिक्षा तक नियमित रूप से स्कूली शिक्षा प्रक्रिया में भागीदारी सुनिश्चित करना आदि प्रक्रियाओं को सक्षम बनाया जाएगा।

• शिक्षकों की नियुक्ति में प्रभावी और पारदर्शी प्रक्रिया का पालन तथा समय-समय पर किये गए कार्य-प्रदर्शन आकलन के आधार पर पदोन्नति।

• राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा वर्ष 2022 तक ‘शिक्षकों के लिये राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक’ (National Professional Standards for Teachers- NPST) का विकास किया जाएगा।

• राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा NCERT के परामर्श के आधार पर ‘अध्यापक शिक्षा हेतु राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा’ [National Curriculum Framework for Teacher Education-NCFTE) का विकास किया जाएगा।

• वर्ष 2030 तक अध्यापन के लिये न्यूनतम डिग्री योग्यता 4-वर्षीय एकीकृत बी.एड. डिग्री का होना अनिवार्य किया जाएगा। संकलनकर्ता:- जनक मिश्र  (उच्च माध्यमिक शिक्षक-उमरिया)  

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