भोपाल। मध्य प्रदेश लोकसभा एवं विधानसभा उपचुनाव के दबाव में सरकार ने 30000 में से 12000 चयनित शिक्षकों के नियुक्ति आदेश जारी कर दी है परंतु 18000 उम्मीदवारों की नियुक्ति रोक ली गई। कहा गया है कि आचार संहिता के कारण प्रक्रिया को रोका गया। यह बताने की स्थिति में कोई नहीं है कि चुनाव परिणाम आने की कितने दिन के भीतर नियुक्ति प्रदान कर दी जाएगी। समस्या यह है कि अब 2023 तक ज्यादातर समय आचार संहिता लागू रहेगी।
मध्यप्रदेश में विधानसभा एवं लोकसभा उपचुनाव के नतीजे नहीं आए हैं लेकिन त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। जिलों में नोडल अधिकारियों तक की नियुक्ति हो चुकी है। मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग पूरी तैयारी में है कि ठंडी-ठंडी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न करा लिए जाएं। सवाल यह है कि यदि पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई तो क्या होगा।
जनजातीय कार्य विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग के साथ क्यों नहीं चलता
मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों और शिक्षकों के मामले में जनजातीय कार्य विभाग का भी अपना ही किस्सा है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एक काम संपन्न कर दिए जाने के बाद जनजातीय कार्य विभाग उस काम को शुरू करता है। दोनों डिपार्टमेंट एक साथ कुछ नहीं करते। स्कूल शिक्षा विभाग ने चुनावी क्षेत्र को छोड़कर बाकी मध्यप्रदेश में नियुक्तियां कर दी परंतु जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारी स्कूल शिक्षा विभाग की प्रक्रिया के पूरे होने का इंतजार कर रहे हैं। उनके इस रवैया के कारण 10500 चयनित उम्मीदवार बेरोजगारी की दिवाली मना रहे हैं। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें