भारतीय शास्त्रों के अनुसार दीपावली की रात्रि में पूजन के लिए जितनी भी सामग्री का उपयोग किया जाता है उसे त्रयोदशी के दिन यानी धनतेरस के दिन खरीदना चाहिए। नरक चतुर्दशी के दिन पूजा सामग्री खरीदना वर्जित बताया गया है और अमावस्या यानी दीपावली के दिन सिर्फ पुष्प इत्यादि श्रृंगार का सामान खरीदा जाता है। दीपावली से संबंधित अन्य लेख एवं जानकारियों के लिए DIWALI PUJA VIDHI पर क्लिक करें
DIWALI PUJA SAMAGRI LIST
पीतल का दिया, रुई की बत्ती, अक्षत (चावल),
पानी वाला नारियल, कमल के दो फूल,
गुलाल, हल्दी, मेहंदी, चूड़ी,
काजल, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी,
पान के पत्ते, पुष्पमाला, पंच मेवा,
गंगाजल, शहद, शक्कर, शुद्ध घी,
दही, दूध, ऋतुफल, गन्ना, सीताफल,
सिंघाड़े,पेड़ा, मालपुए, इलायची (छोटी),लौंग,
इत्र की शीशी, कपूर, केसर, सिंहासन,
पीपल, आम और पाकर के पत्ते,
औषधि जटामासी, शिलाजीत,
लक्ष्मीजी की मूर्ति, गणेशजी की मूर्ति, सरस्वती का चित्र,
चांदी का सिक्का,
लक्ष्मी-गणेशजी को चढ़ाने के लिए लाल या पीले रंग के वस्त्र,
जल कलश, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा,
पंच रत्न, दीपक, दीपक के लिए तेल, पान का बीड़ा,
श्रीफल,कलम, बही-खाता, स्याही की दवात,
पुष्प (गुलाब और लाल कमल), हल्दी की गांठ,
खड़ा धनिया, खील-बताशे,
अर्घ्य पात्र सहित अन्य सभी पात्र, धूप बत्ती, चंदन.