भोपाल। मनरेगा पोर्टल में एक काम को एक से ज्यादा बार एंट्री किए जाने के मामले में मध्य प्रदेश की 9 ग्राम पंचायतों के सचिव रोजगार सहायकों की सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी किए गए हैं। भ्रष्टाचार के इस मामले की जांच मनरेगा लोकपाल द्वारा की गई। उल्लेखनीय है कि इस मामले में दोषी पाए गए 9 ग्राम पंचायत कर्मचारियों में से 3 की सेवाएं पहले ही समाप्त की जा चुकी हैं। मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण समाचारों (एमपी कर्मचारी समाचार) के लिए कृपया लिंक पर क्लिक करें
गुना जिले की जनपद पंचायत चाचौड़ा में मनरेगा घोटाले का मामला
मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद कि आयुक्त सुश्री सूफिया फारूकी वाली ने बताया कि प्रदेश के गुना जिले की जनपद पंचायत चाचौड़ा के अंतर्गत 9 ग्राम पंचायतों के सचिव ग्राम रोजगार सहायकों के विरुद्ध ग्वालियर संभाग के मनरेगा लोकपाल द्वारा कार्यवाही किए जाने का निर्णय पारित किया गया है। इन 9 पदाधिकारियों में से 3 की सेवाएं पूर्व में समाप्त की जा चुकी है शेष से की सेवाएं समाप्त की कार्रवाई, निर्णय के प्रकाश में की जाएगी।
गुना जिले की 9 ग्राम पंचायतों थे सचिव रोजगार सहायकों की सेवा समाप्त
मनरेगा लोकपाल द्वारा तत्कालीन रोजगार सहायक/ सचिव ग्राम पंचायत बरखेड़ा खुर्द के इंद्र सिंह मीणा, टंगरिया कला के महेंद्र मीणा पिपलिया नजदीक के अशोक मीणा, मृगवास के विनोद नामदेव, ईटखेड़ी खुर्द के अरविंद मीणा, सिंगनपुर के रामबाबू मीणा, मोहम्मदपुर के हरि सिंह मीणा, परवरिया के अशोक अहिरवार तथा रामनगर के जगदीश अरोड़ा को लोकसेवक होते हुए अपने प्रति कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बरतने तथा उपेक्षा करने का दोषी पाया है साथी उक्त कृत्य में भ्रष्टाचार की संभावना प्रतीत होती है उनका यह आचरण मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम के अंतर्गत कदाचार की श्रेणी में आता है। इनमें से तीन सचिव / रोजगार सहायको महेंद्र मीणा, पवन मीणा तथा रामबाबू मीणा की सेवाएं पहले ही समाप्त की जा चुकी है।