त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारण विवाद, हाईकोर्ट ने ब्याज वसूली को अवैध माना, वापस करने के आदेश - EMPLOYEE NEWS

जबलपुर
। त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारण एवं भुगतान के बाद वसूली के मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। हाई कोर्ट एडवोकेट श्री अमित चतुर्वेदी ने बताया कि भोपाल से रिटायर हुए एमपी पुलिस के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (रिटायर) गोपाल सिंह के प्रकरण में उच्च न्यायालय ने ब्याज के तौर पर वसूली गई रकम को वापस करने के आदेश जारी किए हैं।

श्री गोपाल सिंह सोलंकी, सहायक उप निरीक्षक के पद पर जिला पुलिस बल भोपाल में कार्यरत रहते हुए, दिनांक 31/07/2020 को रिटायर हो चुके हैं। सेवानिवृत्ति के बाद, त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारण के आधार पर, विभाग द्वारा उनसे रुपये 2, 51,279 वसूल कर लिए गए थे। जिसमें मूल धन रुपये 1,01,831 पर रुपये 1,49,448 ब्याज विभगा द्वारा वसूला गया। श्री सोलंकी द्वारा ब्याज की राशि वापस पाने हेतु उच्च न्यायालय, जबलपुर की शरण ली गई थी। 

उनके वकील श्री अमित चतुर्वेदी, उच्च न्यायालय, जबलपुर के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार, विभाग द्वारा कर्मचारी से ब्याज की वसूली घोर अन्याय एवं मूलभूत अधिकारों का हनन है, जबकि ऐसे वेतन निर्धारण एवं त्रुटि में कर्मचारी की भूमिका की अनुपस्थिति विभाग द्वारा स्वीकार की गई है। अतः ब्याज की वसूली अवैध है। 

शासन के पुरजोर विरोध के बाद भी याचिकाकर्ता के वकील से सहमत होते हुए उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के बाद, पुलिस अधीक्षक एवं वित्त विभाग सहित अन्य को आदेश जारी कर कर्मचारी से वसूल की गई ब्याज की राशि 149448 रुपये, को 30 दिन के भीतर वापस करने को कहा गया है। अर्थात विभाग वसूली गई ब्याज की राशि को 30 दिन के अंदर रिटायर कर्मचारी को वापस करेगा।

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