भोपाल। कमलनाथ को इतना नाराज कभी नहीं देखा। कितना भी गंभीर मुद्दा हो, अधिकतम 3 लाइन में उनका बयान खत्म हो जाता है। पहली बार कमलनाथ ने 15 लाइन से ज्यादा का बयान जारी किया है। पहली बार कमलनाथ ने किसी मुद्दे पर तथ्य और तर्क प्रस्तुत किए हैं। मामला केन-बेतवा लिंक परियोजना का है। कमलनाथ का कहना है कि इस परियोजना के MOU पर हस्ताक्षर करके सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ऐतिहासिक गलती की है। इस परियोजना की कीमत मध्य प्रदेश की जनता चुकाएगी जबकि फायदा उत्तर प्रदेश को होगा।
शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के हितों से समझौता किया है
वर्षों से लंबित केन-बेतवा लिंक परियोजना का एमओयू हस्ताक्षर होना स्वागत योग्य, इस परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र का विकास होगा लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार के दबाव में शिवराज सरकार ने अनुबंध की शर्तों के विपरीत कई मुद्दों पर झुककर प्रदेश के हितो के साथ समझौता किया है।
केन-बेतवा लिंक परियोजना से उत्तर प्रदेश को लाभ होगा मध्य प्रदेश को नुकसान
इस परियोजना से उत्तरप्रदेश को मध्यप्रदेश के मुक़ाबले अधिक लाभ होना है, इसलिये वर्षों से कई मुद्दों पर हमारी आपत्ति थी लेकिन शिवराज सरकार ने मोदी सरकार के दबाव में कई मुद्दों पर झुककर प्रदेश के हितो के साथ समझौता किया है, प्रदेश हित के मुद्दों की अनदेखी की है।
केन-बेतवा लिंक परियोजना की कीमत मध्य प्रदेश चुकाएगा फायदा उत्तर प्रदेश को होगा
जबकि इस परियोजना से हमारे प्रदेश के कई गाँव, जंगल डूब रहे है, डूबत क्षेत्र के कई गाँवो का विस्थापन हमें करना पड़ेगा, पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र की 5500 हेक्टेयर जमीन सहित करीब 9 हज़ार हेक्टेयर जमीन डूब में आ रही है, हमारा बड़ा क्षेत्र डूब रहा है ,कुछ पर्यावरण आपत्तियाँ भी थी।
MOU में शर्तों की जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए
शिवराज सरकार को इस परियोजना को लेकर प्रारंभ में तय अनुबंधों की शर्तों, विवाद के प्रमुख बिंदुओ , इस परियोजना में मध्यप्रदेश के हितो की अनदेखी, नुक़सान पर ली गयी आपत्तियों व वर्तमान एमओयू में तय शर्तों की जानकारी सार्वजनिक कर प्रदेश की जनता को वास्तविकता बताना चाहिये।
