संविदा शिक्षक नहीं बना सकते तो चतुर्थ श्रेणी पद पर नियुक्ति करो, हाईकोर्ट ने कहा - MP NEWS

जबलपुर
। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के अनुकंपा नियुक्ति नियमों के विरुद्ध महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा कि यदि अध्यापक एवं सहायक अध्यापक के आश्रितों को संविदा शिक्षक के पद पर नियुक्ति नहीं दे सकते तो फिर उन्हें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर नियुक्ति दी जानी चाहिए परंतु योग्यता के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति से इनकार नहीं किया जा सकता।

याचिकाकर्ता टीकमगढ़ निवासी हिमांशु खरे व रवींद्र सेन की ओर से पक्ष रखा गया। अधिवक्ता ने दलील दी कि याचिकाकर्ताओं के पिता रवींद्र कुमार खरे व नवल किशोर से की सेवा के दौरान मृत्यु हो गई थी। वे दोनों क्रमश: अध्यापक व सहायक अध्यापक बतौर पदस्थ थे। उस समय याचिकाकर्ता अवयस्क थे। बालिग होने के बाद दोनों की ओर से आवेदन किया गया लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण न होने के आधार पर आवेदन दरकिनार कर दिया। डीएड व बीएड न होने को भी आधार बनाया गया। 

इस पर याचिकाकर्ताओं ने रेखांकित कमियां पूरी कर लीं। इसके बावजूद उनको संविदा शाला शिक्षक नहीं बनाया गया। इसीलिए वे हाई कोर्ट की शरण में चले आए। हाई कोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद इस निर्देश के साथ मामले का पटाक्षेप कर दिया कि यदि संविदा शाला शिक्षक नहीं बना सकते, तो चतुर्थ श्रेणी में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करें।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !