दिव्यांग सहायक प्राध्यापक उम्मीदवारों ने उच्च शिक्षा मंत्री को दिया ज्ञापन - Madhya pradesh news

भोपाल
। आज भोपाल में दिव्यांग सहायक प्राध्यापक उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार दिव्यांगजनों के पदों की गणना तथा नियुक्ति हेतु डाॅ मोहन यादव जी उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन दिया ताकि हाईकोर्ट के आदेश का सही से पालन हो सके। समय समय पर दिव्यांगों ने उच्च शिक्षा विभाग और लोक सेवा आयोग के अधिकारियों से नियुक्ति प्रदान करने के लिए अनुरोध किया परन्तु अभी तक नियुक्ति नही मिली है। 

जबकि पूर्व मे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान कहा था कि , "जब नौकरियों के अवसरों का अभाव है, ऐसे समय में राज्य के युवाओं की चिंता करना हमारा कर्तव्य है।"  दिव्यांग अभ्यर्थी ( मध्यप्रदेश के मूल निवासी) के सहायक प्रध्यापको के पदो को अन्य प्रदेशों  के अभ्यर्थियों को देकर नियुक्ति दी गई जोकि मध्यप्रदेश के दिव्यांग अभ्यर्थियों के साथ अन्याय था परन्तु अब जबलपुर हाईकोर्ट का  WP/19393 दिनांक 29-4-2020 का आदेश  दिव्यांगो को पक्ष में आया था जिसमें सरकार को एक माह मे दिव्यांगो को नियुक्ति कुल केैडर इस्टैन्थ का 6% आरक्षण दिव्यांग अभ्यर्थियों को देने को कहा था परन्तु लोक सेवा आयोग द्वारा जारी पुनरीक्षित विज्ञापन दिनांक 8-2-2021 में हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया है। 

दिव्यांग अभ्यर्थी ऐसे भी है (34 पूर्व चयनित अभ्यर्थी) जिनका मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा समस्त दस्तावेजों का भोपाल में वेरीफिकेशन भी कराया जा चुका है। जबलपुर हाईकोर्ट  WP/19393 दिनांक 29-4-2020 के आदेश के पृष्ठ 13 अनुसार सहायक प्रध्यापक दृष्टिबाधित उम्मीदवारों के लिए आरक्षित पद नहीं है उन विषयों के पद अन्य विषयों के सहायक प्रध्यापक दृष्टिबाधित उम्मीदवारों को दिये जाए ।सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मंत्रालय, नई दिल्ली (विकलांगों व्यक्तियों के लिए आरक्षित  पद 29 जुलाई 2013 को प्रकाशित अधिसूचना संख्या No.16-15 / 2010-DD-III) तथा 2003,2006 और 2008 में सहायक प्रध्यापक परीक्षा के पुराने विज्ञापन में भर्ती में विशेष रूप से उल्लेख किया था कि ये पद दृष्टिबाधित उम्मीदवारों के लिए नहीं हैं विषय :गणित, प्राणी विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, भौतिकी, गृह विज्ञान ,भूगोल,भूगर्भशास्त्र ,नृत्य और रसायन विज्ञान विषय के पद सहायक प्रध्यापक दृष्टिबाधित उम्मीदवारों के लिए आरक्षित पद नहीं है इन विषयों के पद अन्य विषयों के सहायक प्रध्यापक दृष्टिबाधित उम्मीदवारों को दिये जाने चाहिए थे अन्य विषय जैसे :हिन्दी,राजनीतिशास्त्र ,समाजशास्त्र ,वाणिज्य,         अथशास्त्र, अंग्रेजी, इतिहास, विधि, तथा संस्कृत। 

W.P. No.20649/2018 (Ghanshyam Choksey Vs. The State of M.P. & another) का आदेश के कारण सहायक प्रध्यापक का पुनरीक्षित विज्ञापन 19-8-2019 का आया जिसके कारण 34 दिव्यांगजन (जिनका उच्च शिक्षा विभाग द्वारा दस्तावेजों का सत्यापन कराया गया था )बाहर हुए उनकी जगह 163 गैर दिव्यांगजनो को नियुक्ति दी गई  परन्तु जबलपुर हाईकोर्ट  WP/19393 दिनांक 29-4-2020 के आदेश के पृष्ठ 24 अनुसार 19-8-2019 के विज्ञापन में दिया गया दिव्यांग आरक्षण गलत माना है फिर भी उच्च शिक्षा विभाग 163 गैर दिव्यांगजनो को आज दिनांक तक सहायक प्रध्यापक के पद पर नियुक्त किये हुए है।जबकि 163 गैर दिव्यांगजनो की नियुक्ति हाईकोर्ट के आदेश अधीन थी।अतः जबलपुर हाईकोर्ट  WP/19393 दिनांक 29-4-2020 के आदेश आने के बाद 163 गैर दिव्यांगजन किस नियम के तहत अभी तक नियुक्त है, यह हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना है तथा राज्य सरकार पर वेतन अतिरिक्त वित्त बोझ लादा जा रहा है। 

163 गैर दिव्यांगजनो को तत्काल बाहर करना चाहिए तथा ये पद इनकी जगह दिव्यांगजनों या अतिथि विद्वान(दिव्यांगजनों की नियुक्ति तक) को देने चाहिए।आज डाॅ मोहन यादव जी उच्च शिक्षा मंत्री ने इस विषय को दिखलाने को कहा हैं।दिव्यांगजनो का कहना है कि पदों की गणना सही से नहीं की गई तो वह हाईकोर्ट में अवमानना प्रकरण दायर करेंगे।इस वैश्विक विपत्ति के समय दिव्यांगजन अभ्यर्थी बेरोजगार है और उन्हें रोजगार की अत्यंत आवश्यकता है।आज भी दिव्यांगजन  मानसिक ,सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित हैं।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !