कमलनाथ सर, साइकिल कब चलाओगे, विपक्ष का धर्म कब निभाओगे: सोशल मीडिया पर उछला सवाल - madhya pradesh news

भोपाल
। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं मध्य प्रदेश के एकमात्र विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का एक बयान उन्हीं के लिए भारी पड़ गया। सोशल मीडिया पर लोग उनसे सवाल कर रहे हैं कि पेट्रोल के दाम ₹100 प्रति लीटर पर पहुंच रहे हैं, विरोध स्वरूप साइकिल कब चलाएंगे। इस समय आप विपक्ष में हैं, विपक्षी पार्टी का धर्म कब निभाएंगे। 

बात क्या है, कमलनाथ ने ऐसा क्या कह दिया 

मध्यप्रदेश में पेट्रोल के दाम ₹100 प्रति लीटर के करीब पहुंचने के बाद कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर बयान जारी किया कि 'विपक्ष में भाजपा के लोग पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर विरोधस्वरुप खूब साइकिल चलाते थे ,बेल गाड़ी यात्रा निकालते थे ,बड़े-बड़े धरने देते थे ,खूब भाषण देते थे , आज अनकी साइकिलें गायब है ,विरोध प्रदर्शन ग़ायब है ? मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने घोषणा की थी कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर सप्ताह में एक दिन वो और उनके मंत्री, साइकिल से मंत्रालय जाएँगे लेकिन आज पता नहीं उन सभी की साइकिल कहां पंचर पड़ी है ? 

पेट्रोल के कारण ट्विटर पर ट्रोल हो गए कमलनाथ, पढ़िए लोगों ने क्या कहा

abhishek sharma: सर, सड़कों पर तो कांग्रेस पार्टी को उतरना चाहिए लेकिन जनता के मुद्दे सामने है, और कांग्रेस चिरनिद्रा से जागने को तैयार नही है, दुर्भाग्य🙏🙏' 
Harish Parihar:कांग्रेस को सड़क पर आ कर बिरोध करना चाहिए जिस तरह मामा करता था विरोध । इसलिए ट्विटर में लिखने से कुछ नहीं होगा  आप सड़कों पर उतरिए। 
Asgar Choudhary: Twetter पर काम नही चलेगा विपक्ष को रोड पर आन चाहिए। 
Anutosh Pethiya: आपके पास तो साइकिल भी नहीं बची है! 
OM Prakash Sharma: आज हम विपक्ष में हैं इसलिए हमें साइकिल से बैल गाड़ियों से विधानसभा आना जाना चाहिए हमें धरने और आंदोलन करना चाहिए हमें किसने रोका है विपक्ष की भूमिका ही विरोध की होती है फिर डीजल पेट्रोल के बेतहाशा बढ़ते दामों का विरोध तो बहुत जायज है  समझ नहींआ रहा कि आप यह विरोध क्यों नहीं करते। 
Brajesh Rajput: भाजपा क़ी साइकिलें ग़ायब हो गईं तो कांग्रेस की साइकिलें पंचर पड़ीं हैं, जनता विरोध और ड्रामा नहीं करती बस सहती है तो सह रही है। 
प्रभु पटैरिया: अब जो विपक्ष में हैं... वे साइकिल की सवारी कर सकते हैं। सम्भवतः ऐसे विरोध पर तो किसी कलेक्टर ने धारा-144 लगाने का एलान नहीं किया है। भोपाल जिलाधीश ने भी नहीं।

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