पंजीयन समापन में प्राकृतिक न्याय सिद्धांत की उपेक्षा की गई: कर्मचारी संघ - Khula Khat

भोपाल
। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ में तीन प्रांताध्यक्षों के विवाद के कारण सहायक पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाऐं मप्र नर्मदापुरम संभाग भोपाल ने अपने आदेश "क्रमांक/2082/20 भोपाल दिनांक 05/02/2021 अधिनियम की धारा-34(3) से संगठन का पंजीयन क्रमांक-1079  निरस्त कर दिया है।" 

यहां यह उल्लेखनीय है कि मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ के प्रांतीय अध्यक्ष श्री प्रमोद तिवारी ने  दिनांक-13/01/2021 को इसी मामले में अपील दायर की थी। इस पर माननीय रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएं भोपाल ने क्रमांक/अ-02/2021/1405/20 भोपाल, दिनांक 03/02/2021 को जारी पत्र के अंतिम पेरा में स्पष्ट उल्लेख किया है कि दिनांक 13/01/2021 के "आवेदन पर रूपये 10/- कोर्ट फी टिकट एवं अपील/स्थगन के समर्थन में शपथ-पत्र प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें, ताकि आगामी कार्रवाई की जा सके।" 

उक्त पत्र जारी करने के बाद श्री प्रमोद तिवारी प्रांताध्यक्ष मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ वांछित प्रतिपूर्ति करते इसके पहले ही बगैर पक्ष सुने "प्राकृतिक न्याय सिंध्दांत" की उपेक्षा करते हुए माननीय सहायक पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाऐं मप्र नर्मदापुरम संभाग भोपाल ने अपने उपरोक्त आदेश से दिनांक 05/02/2021 को पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई की है, इस पर माननीय पंजीयक महोदय फर्म्स एवं संस्थाएं भोपाल को पुनर्विचार कर "कर्मचारियों एवं संगठन के हीत में सर्वमान्य समाधान निकालने की कृपा करना न्यायोचित होगा! 

जूं के लिए कपड़े नहीं फेंकना चाहिए, जूं निकालना चाहिए। विवाद निराकरण के बजाय पंजीयन निरस्त करना अतिवादी कार्रवाई है। प्रदेश में इसी प्रकार से अन्य कर्मचारी/अधिकारी संगठनों में भी दो-दो प्रांतीय अध्यक्ष कार्यरत है, फिर मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी के प्रति ऐसी अवांछित व कठोर कार्रवाई क्यों? प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की आवाज यह संगठन व इससे जुड़े प्रतिनिधि, सदस्य यह मांग करते है कि कोई भी फैसला हो लेकिन पंजीयन बहाल किया जाना न्यायसंगत होगा। 
कन्हैयालाल लक्षकार (प्रांतीय उपाध्यक्ष)
मप्र तृतीय वर्ग शास कर्मचारी संघ
9424099237, 9340839574

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