GWALIOR: सिद्ध बाबा मंदिर के महंत की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या - MP NEWS

ग्वालियर।
 मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर से 35 किलोमीटर दूर डंगोरा गांव के सिद्ध बाबा मंदिर में आधी रात बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया है। मंदिर के महंत के सिर और चेहरे पर कुल्हाड़ी मारकर हत्या की गई है। घटना शुक्रवार-शनिवार दरमियानी रात की है।  

घटना का पता शनिवार सुबह उस समय लगा है जब मंदिर पर गांव के लोग पहुंचे। महंत का शव रजाई से ढंका हुआ मिला है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को निगरानी में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। अभी तक हत्या की वजह और हत्यारे अज्ञात हैं। हस्तिनापुर थाना क्षेत्र के डंगोरा निवासी 85 वर्षीय जसवंत उर्फ जानकीदास गुर्जर पुत्र जत्थाराम गुर्जर गांव में स्थित सिद्ध बाबा मंदिर के महंत हैं। वह काफी सालों से मंदिर की देखरेख में लगे हैं। उन्होंने शादी भी नहीं की है। उनके परिवार में एक बहन है जिसका विवाह हो चुका है। 

शुक्रवार रात की आरती के बाद बाबा मंदिर में ही सो गए थे। सुबह जब गांव में रहने वाले वकील सिंह गुर्जर व अन्य लोग मंदिर पहुंचे तो बाबा रजाई ओढ़कर लेटे हुए दिखे। लोगों को लगा सुबह 4 बजे जागकर मंदिर की साफ-सफाई करने वाले बाबा इतनी देर तक क्यों सो रहे हैं। इस पर रजाई हटाई तो पैरों तले जमीन खिसक गई। बाबा का चेहरा खून से सना हुआ था। बाबा की नब्ज टटोली तो पता चला कि बाबा की मौत हो चुकी है। मामले की सूचना मिलते ही हस्तिनापुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू कर दी। फोरेंसिक टीम को भी बुलवा लिया।

पुलिस की प्रारंभिक पड़ताल में पता लगा है कि जानकीदास को बेरहमी से मारा गया है। हत्या करने वालों ने उसके सिर और चेहरे पर कई घाव किए हैं। जिस कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई है। हत्या जिस कुल्हाड़ी से की गई है वह नहीं मिली है। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में पाया कि मृतक जानकीदास के नाम पर गांव में ही 8 से 10 बीघा जमीन है। एक बहन है उसकी बहन की शादी हो चुकी है। जानकीदास के बाद इस जमीन का कोई वारिस नहीं है। पुलिस इस जमीन के बारे में पता लगा रही है। अभी इतना ही पता लगा है कि जमीन की कीमत 50 लाख रुपए के लगभग है।

थाना प्रभारी उदयवीर सिंह तोमर हस्तिनापुर ने कहा कि हत्या किस कारण हुई है यह साफ नहीं है। हत्या करने वालों के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। अभी तक यह ब्लाइंड मर्डर ही है। मृतक की बहन को बुलाया गया है। शायद उसके बाद किसी का नाम सामने आए।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !