BHOPAL के हजारों लोगों की जान बिजली कंपनी ने खतरे में डाल दी: बकाया वसूली का मामला - Hindi News

भोपाल
। बकाया बिल वसूली के लिए बिजली कंपनी ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के हजारों लोगों की जान खतरे में डाल दी। बिजली कंपनी ने भोपाल शहर के 40 से ज्यादा इलाकों के आम रास्तों पर लगी स्ट्रीट लाइट बंद कर दी। इस प्रकार बिजली कंपनी ने रास्तों से गुजरने वाले हजारों लोगों की जान खतरे में डाल दी एवं पुलिस की कार्रवाई में बाधा उत्पन्न की। 

बकाया वसूली के लिए सार्वजनिक स्थानों की बिजली काटना अपराध है

बिजली कंपनी ने दिनांक 21 फरवरी 2021 को एमपी नगर, शिवाजी नगर के साथ सोमवारा, छोला रोड जैसे इलाकों में स्ट्रीट लाइटों के कनेक्शन काट दिए। बिजली कंपनी की इस कार्रवाई के कारण शहर के सबसे व्यस्त इलाके एमपी नगर, चेतक ब्रिज, शिवाजी नगर, तुलसी नगर, शहर की पॉश कॉलोनी अरेरा कॉलोनी, नेहरू नगर, कोटरा सुल्तानाबाद, ​​​​​​डीआरएम रोड, सोमवारा, छोला रोड एवं अयोध्या बायपास आदि के रास्तों में रात के समय अंधेरा रहा। इसके कारण ना केवल नागरिकों को परेशानी हुई बल्कि उनकी जान और माल के लिए खतरा उत्पन्न हुआ। बिजली कंपनी के कारण एक्सीडेंट के अलावा लूट जैसी घटनाओं के लिए अवसर उत्पन्न हुआ। इसे एक आपराधिक गतिविधि कहा जा सकता है।

कंपनी भी बिजली खरीद कर लाती है, इसलिए यह कदम उठाना पड़ा: ऊर्जा मंत्री

सोमवार को स्थानीय अखबारों में बिजली कंपनी और संबंधित लोगों के बयान छपे हैं। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के मुताबिक कंपनी भी बिजली खरीद कर लाती है, उसे भी पैसे देना होते हैं, इसलिए यह कदम उठाना पड़ा। बिजली कंपनी का कहना है कि उन्हें निगम से 101 करोड़ रुपए लेना है। इसमें से 72 करोड़ रुपए शहर के और बाकी 29 करोड़ रुपए कोलार फिल्टर प्लांट के हैं। इतनी बड़ी रकम वसूलने के लिए कनेक्शन काटने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। 

गनीमत है कि हमने पानी के कनेक्शन नहीं काटे: डीके तिवारी डीजीएम बिजली कंपनी

​​​​​​​गनीमत है कि हमने स्ट्रीट लाइट के ही कनेक्शन काटे, जलप्रदाय के नहीं। जब तक पेमेंट नहीं होगा तब तक स्ट्रीट लाइट के कनेक्शन नहीं जोड़ेंगे।
-डीके तिवारी, भोपाल नॉर्थ डिवीजन के डीजीएम

हम डिफाल्टर नहीं है, लगातार भुगतान कर रहे हैं: नगर निगम कमिश्नर

हम दो महीने में 20 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुके हैं। इसके बावजूद यदि पानी का कनेक्शन काटने की धमकी दी जाती है तो यह गलत है।
-वीएस चौधरी कोलसानी, नगर निगम कमिश्नर

बिजली कंपनी ने शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न की 

सार्वजनिक रास्तों की बिजली काट कर बिजली कंपनी है अपराधियों को अवसर प्रदान करने की कोशिश की है। कोई भी सरकारी अथवा प्राइवेट अधिकारी इस तरह का आदेश नहीं दे सकता जिससे आम जनता को परेशानी हो एवं नागरिकों की जान को खतरा उत्पन्न हो।एसपी साउथ साईं कृष्णा का बयान इस बात की पुष्टि करता है कि बिजली कंपनी की कार्रवाई के कारण पुलिस के कार्य में बाधा उत्पन्न हुई। उन्होंने कहा कि लाइट बंद होने से सीसीटीवी कैमरे भी बंद हो गए हैं। उन इलाकों में पेट्रोलिंग बढ़ा रहे हैं, ताकि अपराध न हों। 

प्रद्युम्न सिंह तोमर मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हैं, बिजली कंपनी के एजेंट नहीं

ऊर्जा मंत्री का बयान सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि कंपनी बिजली खरीदती है इसलिए उसे यह कदम उठाना पड़ा। ऊर्जा मंत्री को स्मरण दिलवाने की जरूरत है कि कंपनी सरकार की है। सरकार जनता के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी भी जनता के लिए प्रतिबद्ध है। बिजली कंपनी कोई बनिए की दुकान नहीं जिसे कभी भी बंद किया जा सकता हो। श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को ध्यान रखना चाहिए कि वह मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हैं, बिजली कंपनी के एजेंट नहीं है। 

डीजीएम डीके तिवारी का बयान आपराधिक गतिविधि

डीके तिवारी, भोपाल नॉर्थ डिवीजन के डीजीएम का धमकी भरा बयान उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए पर्याप्त है। उन्हें याद दिलाना चाहिए कि वह जनता की सेवक हैं। यदि बिजली कंपनी के मालिक भी होते तब भी जनता के पेयजल वितरण में बाधा उत्पन्न करने का अधिकार नहीं है। 

बकाया वसूली के लिए और क्या कर सकती है बिजली कंपनी 

बकाया वसूली के लिए पर्याप्त कानून मौजूद है। नगर निगम भी एक शासकीय संस्था है। बिजली कंपनी न्यायालय में मुकदमा दाखिल करके नगर निगम की संपत्ति कुर्क कर सकती है। लेकिन इस तरह गुंडागर्दी कतई नहीं कर सकती।

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