भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित दिलीप बिल्डकॉन कंपनी के चैक की क्लोनिंग कर फर्जी चैक से 24 करोड़ रुपए एक एनजीओ के खाते में ट्रांसफर कराने की कोशिश करने वाले गिरोह के मास्टर माइंड समेत 10 सदस्यों को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया है।
आरोपियों में पीएनबी बैंक का एक कर्मचारी भी शामिल है, जिसने डेटा लीक किया था। ऐसे ही 14 और फर्जी चैक (क्लोनिंग) की एसटीएफ जांच कर रहा है, जिनसे करोड़ों रुपए दूसरे खातों में ट्रांसफर करने की कोशिश की गई थी। STF एसपी नवीन कुमार चौधरी ने बताया कि दिलीप बिल्डकॉन की ओर से शिकायत की गई थी कि उनकी कंपनी के चैक की क्लोनिंग कर फर्जी चैकों से उनके खाते से करोड़ों रुपए निकालने का प्रयास किया जा रहा है। जालसाजों ने 17 फरवरी 2020 को 24 करोड़ का चेक ड्रीम एजुकेशनल सोसायटी (एनजीओ) अमृतसर के खाते में भुगतान के लिए जमा किया था।
एसटीएफ की जांच में सामने आया कि जिस चेक की क्लोनिंग की गई थी वह मात्र 3000 का था। क्लोनिंग करके फर्जी चेक में 24 करोड़ की राशि भरी गई थी। एनजीओ संचालक अमृतसर निवासी मनमीत सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने खुलासा किया कि चेक गाजियाबाद निवासी अंशुल राणा ने दिया था।
एसटीएफ ने अंशुल को गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर अमृतसर निवासी बरिंदर सिंह, मोहाली निवासी परविंदर सिंह, लखनऊ निवासी शिवम यादव, दिल्ली निवासी दीपक कुमार सिंह, गाजियाबाद निवासी जितेंद्र सैनी, दिल्ली निवासी विकास कुंद्रा, मोहाली निवासी सतनाम सिंह और होशियारपुर निवासी चरनजीत सिंह को गिरफ्तार किया है। चरनजीत पीएनबी की तांडा, होशियारपुर ब्रांच का कर्मचारी है।
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