JABALPUR कलेक्टर को दीपावली के पटाखे जलाएंगे या बचाएंगे, जल्द पता चल जाएगा, NGT में सुनवाई पूरी - MP NEWS

Bhopal Samachar
जबलपुर
। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सख्त आदेश के बावजूद जबलपुर में दीपावली के अवसर पर बेहिसाब पटाखे फोड़े गए और इसके कारण भारी मात्रा में प्रदूषण हुआ। एनजीटी में इस मामले को लेकर सुनवाई पूरी हो गई है। जल्द ही पता चल जाएगा कि आदेश की अवहेलना होने पर एनजीटी जबलपुर कलेक्टर को दोषी मानती है या नहीं।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने मंगलवार को पटाखा मामले में सुनवाई पूरी होने के साथ ही अपना फैसला सुरक्षित कर लिया। इससे पूर्व एनजीटी के न्यायाधीशों ने ओपन कोर्ट में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि दुर्भाग्यजनक रूप से इस बार दीवाली में पटाखे प्रतिबंधित किए जाने संबंधी आदेश का पालन न होने की सबसे बड़ी वजह कतिपय मंत्री व राजनेता बने, जिन्होंने खूब पटाखे फोड़कर त्योहार मनाने जनता को दुष्प्रेरित किया। दिलचस्प बात तो यह रही कि एनजीटी के जस्टिस आदर्श कुमार गोयल व डॉ. एसएस गार्बियाल ने किसी मंत्री या राजनेता का नाम लिए बगैर अपनी नाराजगी प्रतीकात्मक रूप से प्रकट कर दी। इस टिप्पणी के साथ इस मामले में एनजीटी के संज्ञान की बात भी स्वत: रेखांकित हो गई।

पुअर एयर क्वालिटी इंडेक्स वाले शहरों में प्रतिबंधित किए गए थे पटाखे:

पर्यावरणीय मापदंड के मुताबिक 200 का ग्राफ निर्धारित है, जिसके जरिये पुअर एयर क्वालिटी इंडेक्स की माप की जाती है। जबलपुर सहित मध्य प्रदेश के कुछ अन्य शहर इस परिधि में आए थे। लिहाजा, इस वर्ष कोरोना संक्रमण का खतरा देखते हुए इन शहरों में पटाखों को फोड़े बिना दीवाली मनाना अति आवश्यक था। इसके बावजूद जमकर फटाखे फूटे, जिससे हवा प्रदूषित हुई और फिर एक के बाद एक कोरोना पॉजिटिव मामले बढ़े हुए ग्राफ के साथ सामने आने लगे। राजनीतिक दबाव इसकी सबसे बड़ी वजह बना। यह आरोप एनजीटी में सुनवाई के दौरान जनहित याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के प्रांताध्यक्ष डॉ.पीजी नाजपांडे की ओर से अधिवक्ता प्रभात यादव ने लगाया।

कोर्ट मित्र को देश के सभी शहरों के आंकड़े जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी:

मामले की सुनवाई के दौरान एनजीटी ने कोर्ट मित्र (एमीकस क्यूरी) अधिवक्ता राज पंजवानी को जिम्मेदारी सौंपी कि वे भारत के सभी शहरों के संबंध में आंकड़े जुटाएं। ऐसा इसलिए ताकि मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों की स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन किया जा सके। वातावरण में पटाखों की वजह से जो जहर घुला उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। इसीलिए एनजीटी ने इस बार की दीवाली में पुअर एयर क्वालिटी इंडैक्स वाले शहरों में फटाखे प्रतिबंधित कर दिए थे।
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