जब ठहर जाए कॅरियर तो खुद से पूछे ये 3 सवाल - MOTIVATIONAL ARTICLE IN HINDI

शक्ति रावत।
अच्छा कॅरियर हर किसी की चाह होता है, लेकिन हमेशा आपके कैरियर में एक वक्त ऐसा आता है, जहां जाकर आप रूक जाते हैं, और तब सवाल मन में उठता है, कि अब आगे क्या? और यही वह समय होता है, जबकि आप खुद से पूछते हैं, कि अब तक क्या किया, क्या जहां पहुंचना था, वहां पंहुचे आप। 

तो अगर कॅरियर के किसी पड़ाव पर आप भी कॅरियर को लेकर ऐसी किसी उलझन में हैं, तो आप खुद से ये 3 सवाल पूछ सकते हैं, और जीवन में अपने रास्ते पर आगे बढ़ सकते हैं। कई बार एक ही तरह का काम करते हुए उस काम को करने को जोश और उत्साह खत्म होने लगता है। काम में नीरसता आ जाती है, ऐसा कई लोगों के साथ हो रहा है, कि वे बिना मन के अपना काम कर रहे हैं, यह स्थिति आपका काम तो जारी रख सकती है, लेकिन सफलता की राह पर आगे नहीं ले जा सकती।

पहला सवाल- इस वक्त आप जिस जगह पर हैं, वहां आपके सामने आगे तरक्की का अवसर क्या है। क्या कोई ऐसा पद या जगह है, जो कि, आपके कॅरियर के लिहाज से ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। या फिर किसी दूसरे डिर्पाटमेंट कोई ऐसी जगह है, जहां आपको आगे बढऩे के लिए पंहुचना जरूरी है। अगर इनका जबाब ना में है, तो फिर समझ जाईये कि यह समय जॉब को बदलने का है, आपको इससे बेहतर काम की तलाश में जुट जाना चाहिये।

दूसरा सवाल-कॅ रियर में ठहराव के दौरान खुद से दूसरा सवाल यह पूछें कि, क्या मुझे वर्तमान जगह पर वह सम्मान मिल रहा है, जिसका मैं हकदार हंू। अगर आप भी आपको आपके संस्थान में उसी तरह देखा जाता है, जहां आप कुछ साल पहले थे, या फिर उसी तरह से आपकी राय को सुना जाता है, जैसे कुछ सालों पहले सुना जाता था, तो इसका मतलब है, कि आपका कॅरियर और कद दोनों स्थिर हो गए हैं। ऐसे में बदलाव को अपनाना ही समझदारी है। यह समय आगे बढ़ जाने का है।

तीसरा सवाल-इस मामले में तीसरा सवाल है कि, क्या मैं कुछ नया सीख रहा हंू। दुनिया में स्किल बहुत तेजी से बढ़ रही है, वही लोग टिके रह सकते हैं, जो अपडेट हों, तो खुद से यह सवाल जरूर पूछिये अगर अपने जॉब में कुछ नया सीख रहे हैं, जिससे आगे बढऩे की राह आसान हो तब तो ठीक है, लेकिन अगर ऐसा नहीं हो रहा है, तो फिर आपको इसके लिए रास्ता निकालना होगा, अगर आपके मौजूदा काम में आपके लिए चुनौतियां खत्म हो गई हैं, तो इस वजह से आपको अपने काम में एक तरह की नीरसता का आभास होता रहेगा। ऐसे में नई चुनौतियां लेना ज्यादा बेहतर है। यानि वक्त है, वदलाव का। -लेखक मोटीवेशनल स्पीकर और लाइफ मैनेजमेंट कोच हैं।

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