भारत के मध्य में स्थित मध्य प्रदेश में एक जगह ऐसी है जहां सैकड़ों अजगर सांप ठंड के मौसम में बिलों से बाहर निकल आते हैं और धूप में बैठे मिलते हैं। यह स्थान मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में स्थित है। लोग इसे अजगर दादर के नाम से भी जानते हैं। वन विभाग ने ऐसे अजगर अभयारण्य बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा है। पाताल से निकलते अधिकारों को देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक यहां जमा होते हैं।
पाताल से निकले अधिकारों को देखने विदेशी पर्यटक भी आते हैं
मुरैना से 29 किलोमीटर की दूरी पर अजगरों का ये नेचुरल हैबिटेट है, जो पालपुर कूनो वाइल्डलाइफ सेंचुरी से 30 किलोमीटर की दूरी पर है। ये करीब 217 हेक्टेयर में फैला है। यहां पत्थर और मिटटी के बने छेदों की भरमार है। जिन्हें स्थानीय बोली में बामी कहते हैं। इन बिलों से निकलते अजगरों को देखने के लिए न सिर्फ स्थानीय लोग बल्कि दूर-दूर से पर्यटक आते हैं।
पताल से बाहर निकल कर चूहों का नाश्ता करते हैं अजगर
नवंबर, दिसंबर में यहां सैलानियों का आना शुरू हो जाता है। वैसे इसे अभ्यारण्य बनाने की कवायद भी तेज हो गई है। वन विभाग के अधिकारियो क़ा कहना है कि सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। ठंड के मौसम में इन्हें यहां शिकार भी आसानी से मिलता है। क्योंकि इस इलाके में चूहे भी बहुत हैं, यही वजह है कि अजगर का ये नेचुरल हैबिटेट बन गया है।