JABALPUR में ऑटो रिक्शा के नए परमिट मामले में हाई कोर्ट का फैसला - MP NEWS

जबलपुर
। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें निवेदन किया गया था कि जबलपुर शहर में नए ऑटो रिक्शा के लिए परमिट जारी किए जाएं।दरअसल ऑटो ड्राइवर्स एसोसिएशन की ओर से रोक हटाने का आग्रह किया गया था। कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ताओं ने ऑटो फाइनेंस कराया है, लेकिन परमिट नहीं जारी होने से वे इसकी किस्त तक नहीं चुका पा रहे हैं। लिहाजा, उन्हें परमिट जारी किया जाए। कोर्ट ने इस आग्रह को दरकिनार करते हुए अपने पुराने आदेश को बरकरार रखा है।

ऑटो संचालकों के आर्थिक हालातों का दिया था हवाला

ऑटो ड्राइवर्स एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने पक्ष रखते हुए नए परमिट जारी करने पर लगाई रोक हटाने का आग्रह किया। वहीं ऑटो चालक मोहम्मद जाकिर और अन्य की ओर से दायर हस्तक्षेप याचिका के पक्ष में दलील देते हुए अधिवक्ता अमित मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ताओं को नए परमिट जारी नहीं होने से आर्थिक नुकसान हो रहा है। लोगों ने ऑटो फाइनेंस करा लिए, लेकिन परमिट जारी नहीं होने से वे इसकी किस्त तक नहीं चुका पा रहे हैं। कोर्ट ने सारी दलीलाें को खारिज करते हुए अपने पुराने आदेश को बरकरार रखा है।

जनहित याचिका के बाद हाईकोर्ट ने लगाई है रोक

सतना बिल्डिंग, जबलपुर निवासी अधिवक्ता सतीश वर्मा की ओर से याचिका लगाई गई थी। याचिका में बताया गया था कि शहर में चल रहे ऑटो रिक्शा कांट्रेक्ट कैरिज परमिट शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं। ऑटो की धमाचौकड़ी पर नियंत्रण करने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। मनमाने तरीके से किराया वसूला जाता है। कहीं भी सार्वजनिक स्थलों पर किराया सूची चस्पा नहीं है। 

कार्रवाई को नाकाफी बताया था

हाईकोर्ट ने पूर्व में की गई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की कार्रवाई को नाकाफी बताया था। कहा था कि पूरे शहर में मॉडीफाइड ऑटो रिक्शे दौड़ रहे हैं। इनमें ड्राइवर सीट को बढ़ा लिया गया है। सीट के सामने पटिया लगा कर यात्रियों को ठूंस-ठूंस कर बिठाया जाता है। बिना समुचित जांच के रूट परमिट दिए जा रहे हैं। इस कारण नए परमिट पर रोक लगाई थी।

कलर कोडिंग, रूट निर्धारण के दिए थे निर्देश

11 फरवरी 2019 को कोर्ट ने निर्धारित रूट के मुताबिक ही ऑटो का संचालन कराने का आदेश दिया था। इसके लिए ट्रैफिक और आरटीओ की ओर से कलर कोडिंग व नंबर अलॉट किया गया था। बावजूद इसका सख्ती से पालन नहीं कराया जा सका। वर्तमान में ऑटो चालक मनमर्जी से पूरे शहर में किसी भी रूट पर चल रहे हैं।
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