जबलपुर। जबलपुर संभाग के सबसे ज्यादा बजट खर्च करने वाले एलगिन हॉस्पिटल (महिला अस्पताल) में नरभक्षी बिल्ली के आतंकी की खबर आ रही है। शुक्रवार सुबह करीब 5:00 बजे शैतान बिल्ली ने एक नवजात शिशु के चेहरे से मांस नोंचने की कोशिश की। हॉस्पिटल मैनेजमेंट का कहना है कि बिल्लियों को पकड़ने के लिए उन्होंने वन विभाग और नगर निगम को चिट्ठी लिखी है। यानी जब तक नगर निगम बिल्ली पकड़ने नहीं आएगा तब तक नवजात शिशु की सुरक्षा भगवान भरोसे रहेगी।
नवजात बेटी के 24 घंटे पूरे नहीं हुए थे, बिल्ली का हमला हो गया
शीतलामाई मंदिर के पास रहने वाले अधिवक्ता आशीष प्रजापति की पत्नी रजनी की एल्गिन में डिलिवरी हुई है। 19 नवंबर को बेटी पैदा हुई। वार्ड नंबर पांच प्रथम तल में भर्ती हैं। सुबह पांच बजे नवजात को बिल्ली ने पंजा मार दिया। पंजा उसकी आंख के पास लगा है। इसे लेकर अस्पताल में हंगामा भी हुआ। मासूम को एसएनसीयू में भर्ती कराया गया है।
3 दिन पहले खूंखार बिल्ली ने मां की गोद में मासूम पर हमला किया था
अस्पताल में खूंखार हो चुकी बिल्ली ने तीन दिन पहले भी एक मासूम को पंजा मारा था। तब मासूम को उसकी मां दूध पिला रही थी। उसी दौरान उसने कटोरी पर पंजा मारा, जो मासूम के चेहरे पर लगा। उसे भी एसएनसीयू में भर्ती किया गया है। दोनों की हालत ठीक है। हालांकि बिल्लियों के हमले को लेकर अस्पताल प्रबंधन भी सकते में आ गया है।
सरकारी अस्पताल में है बिल्ली की दहशत
महिलाओं के प्रसव और नवजात बच्चों की देखरेख को लेकर संभाग का सबसे बड़े एल्गिन अस्पताल पर बड़ा सवाल उठ रहा है। परिजन भी खौफ में हैं। बताते हैं कि इससे पहले पांच नवंबर को भी बिल्ली के हमले से एक मासूम घायल हुई थी। अस्पताल में भर्ती अन्य परिजन बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
एक बिल्ली के लिए कितना लिखा पढ़ी कर रहे हैं एल्गिन अस्पताल के डॉक्टर
बिल्ली के हमले में जख्मी मासूम के पिता आशीष प्रजापति ने कहा कि यहां मरीजों का इलाज भगवान भरोसे हो रहा है। जब मासूम ही सुरक्षित नहीं हैं, तो लोग किसके भरोसे यहां इलाज कराने आएंगे। बिल्ली को भगाने के लिए एक वर्ड वही काफी है लेकिन खुद को धरती का भगवान समझने वाले डॉक्टर छोटी सी समस्या के समाधान को कितना मुश्किल बना रहे हैं। एल्गिन अस्पताल के डॉक्टर संजय मिश्रा ने कहा कि मामला गंभीर है। बिल्लियों को पकड़ने के लिए वन विभाग और नगर निगम से मदद मांगी है।