LIC का पैसा शेयर बाजार में डूब जाए तो पॉलिसी होल्डर्स का क्या होगा, सरकार ने संसद में बताया - BUSINESS NEWS

नई दिल्ली।
भारत सरकार की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम पिछले कुछ समय से जोखिम भरे निवेश कर रही है। उसमें शेयर बाजार में मोटी रकम निवेश की है। इसके अलावा सरकार के कहने पर घाटे के कारण बंद हो चुके हैं यस बैंक में भी निवेश किया है। सवाल यह है कि यदि एलआईसी का पैसा शेयर बाजार या फिर यस बैंक की जैसे निवेश में डूब जाए तो पॉलिसीहोल्डर्स का क्या होगा।

भारत सरकार के वित्त विभाग के राज्यमंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में शनिवार दिनांक 20 सितंबर 2020 को इस प्रश्न का जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि, 'लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन एक्ट, 1956 के अंतर्गत भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा जारी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीज पर सॉवरेन गारंटी के प्रावधान शामिल हैं।' दरअसल, गुजरात के सूरत से लोकसभा की सदस्य दर्शना विक्रम जरदोश ने वित्त मंत्री से यह जानना चाहा था कि क्या सरकार का भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा दी गई पॉलिसियों पर सॉवरेन गारंटी देने का विचार है या नहीं। 

यदि LIC बंद हो गई तो पॉलिसी के सम इंश्योर्ड और बोनस कौन देगा

उन्होंने यह भी सवाल किया था कि एलआइसी के सूचित विनिवेश के बाद भी उसकी पॉलिसियों पर सरकार सॉवरेन गारंटी देगी या नहीं।   लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन एक्ट, 1956 के सेक्शन 37 के मुताबिक कॉरपोरेशन द्वारा जारी सभी पॉलिसीज के सम इंश्योर्ड और अगर कोई बोनस देय है तो उसकी नकद भुगतान की गारंटी केंद्र सरकार की होगी।   

ठाकुर ने कहा कि भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडाइ) ऑफसाइट और ऑनसाइट निगरानी तंत्र के जरिए सभी इंश्योरेंस कंपनियों के कामकाज की समीक्षा करता है। एलआइसी के कार्य-निष्पादन का आकलन बीमा कंपनी द्वारा हर साल सरकार को दिए जाने वाले स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट के माध्यम से भी किया जाता है। इसके साथ ही कॉरपोरेशन के कामकाज की सालाना रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों में रखी जाती है। संसद की विभिन्न स्थायी समितियां जीवन बीमा निगम के कामकाज की समीक्षा करती हैं। 

उन्होंने पॉलिसीधारकों की धनराशि को सुरक्षित रखने को संदर्भ में कहा कि पॉलिसीधारकों से प्राप्त प्रीमियम का विवेकपूर्ण निवेश बीमा अधिनियम, 1938 तथा इरडाई (इंवेस्टमेंट) रेगुलेशन, 2016 के प्रावधानों के अनुसार किया जाता है। इसके अलावा एलआइसी इरडाइ द्वारा निर्धारित सॉल्वेंसी रेशियो से उच्चतर स्तर को बनाए हुए है।

इससे पहले फरवरी में ठाकुर ने समाचार एजेंसी 'पीटीआइ' को बताया था कि सरकार एलआइसी के पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा करेगी। उन्होंने कहा था कि LIC के लिस्टिंग से बेहतर पारदर्शिता, लोक भागीदारी को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। 

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