दाल और सब्जियां अलग-अलग रंग की क्यों होती है, इनमे कलर्स कैसे भरे होते हैं / #सरलSCIENCE

श्रीमती शैली शर्मा। जैसे कि पेड़ों की पत्तियों के हरे रंग के लिए क्लोरोफिल या हरित लवक नाम का वर्णक या पिगमेंट जिम्मेदार होता है। ठीक उसी प्रकार  प्रत्येक पदार्थ के कलर के लिए कोई ना कोई वर्णक जिम्मेदार होता है फिर चाहे त्वचा का रंग हो, बालों का रंग हो, खून का रंग हो ,दाल- सब्जियों का रंग हो, फलों का रंग हो, फूलों का रंग हो,जलीय जीव जंतुओं का रंगहो !! प्रत्येक के रंग के लिए एक न एक वर्णक ही जिम्मेदार है।

तो आइए जानते हैं कि वर्णक क्या होता है ?

प्रकृति में पृथ्वी पर पाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण वर्णक समूह कैरेटिनॉइड (carotenoid) हैं जो विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों, जंतुओं और सूक्ष्म जीवों में पाए जाते हैं। लगभग 600 से भी अधिक प्रकार के।
# chlorophyll या पर्णहरित भी इसी समूह का सदस्य है।
* जबकि जलीय जीवो में इसके स्थान पर कैरेटिनो प्रोटीन (carotinoprotien) पाये जाते हैं|

😍😍 तो अब किसी काले व्यक्ति को देखकर उसको दोष ना देकर उसके वर्णक को दोष देना और हां fair and lovely या कोई भी महंगी से महंगी क्रीम इस वर्णक को बदल नहीं सकती क्योंकि यह हमारे डीएनए (DNA) में है और डीएनए को कोई भी चेंज नहीं कर सकता😃😆 
डीएनए की कहानी कभी और जानेंगे।

आईये अब जानें कि कौन से कलर के लिए कौन सा वर्णक जिम्मेदार है? 

चूँकि जंतु अपने स्वयं का वर्णक नहीं बना सकते इस कारण वे वर्णक के लिए पेड़ पौधों पर ही निर्भर है।
पेड़ पौधों में मुख्य रूप से तीन प्रकार के वर्णक पाए जाते हैं
1 हरित लवक या पर्णहरित या क्लोरोफिल~ हरा रंग
2 Carotinoid~ पीला और नारंगी लाल रंग
3 phycobilins~ नीला रंग 
तो यही कारण है कि सब्जियां हरे रंग की तथा दालें पीले रंग की होती हैं परंतु दालें शुरू से ही पीले रंग की नहीं होती है। शुरू में वे भी हरे रंग की होती होती हैं परंतु बाद में उनका क्लोरोफिल, Carotenoid में बदल जाता है। इस कारण से पीले रंग की हो जाते की हो जाते हैं।
## यह तीनों वर्णक आपस में बदल सकते हैं। इसी कारण शुरू में फल सब्जियां हरे रंग के होते हैं और बाद में उनका कलर बदल जाता है।!

क्या आप जानते हैं? 

# सब्जियों का हरा रंग ~क्लोरोफिल के कारण होता है
# दालों का पीला रंग ~जैंथोफिल के कारण
# गाजर का रंग~ कैरोटीन के कारण होता है
# टमाटर का लाल रंग~ लाइकोपीन के कारण होता है
# मिर्ची का तीखापन ~कैपसेसीन के कारण होता है जबकि लाल मिर्च का रंग~ capsanthin के कारण होता है
😆मिर्च खाने से विटामिन सी (सी सी सी🤪🤪)और विटामिन ए दोनों ही मिलते है।
##😍 मानव की त्वचा के कलर के लिए मेलानिन जिम्मेदार है, ना की कोई क्रीम। अगर मेलेनिन कम है तो गोरे, वरना काले। हां धूप में जाने पर मेलेनिन की मात्रा बढ़ जाती है😆😆
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लेखक श्रीमती शैली शर्मा मध्य प्रदेश के विदिशा में विज्ञान विषय की शिक्षक हैं।

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