SPEED गाड़ी की नहीं सड़क की FIX होती है, तेज चलाई तो चालान नहीं जेल वारंट बनता है, नियम पढ़ लीजिए

ज्यादातर लोग अपने वाहन की स्पीड इस बात पर फिक्स करते हैं कि सड़क कैसी है, उस पर यातायात कितना है और वाहन की अधिकतम स्पीड कितनी है लेकिन वह नहीं जानते कि इस तरह वह आईपीसी की धारा 279 का उल्लंघन कर रहे हैं। इस धारा का उल्लंघन करने पर ट्रैफिक पुलिस चालान नहीं बनाती बल्कि 6 माह की जेल की सजा दी जाती है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि आईपीसी की धारा 279 के अनुसार स्पीड आपके वाहन में कि नहीं होती बल्कि सड़क की निर्धारित होती है। नेशनल हाईवे और शहर की सड़क पर सामान्य स्पीड में वाहन नहीं चलाया जा सकता भले ही आपके वाहन में कितनी भी स्पीड से चलने की क्षमता हो। कुछ सड़कों के किनारे लिखा भी होता है 'अधिकतम गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा'।

भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 279 की परिभाषा:-

कोई व्यक्ति जानबूझकर या जल्दबाजी में निम्न कृत्य करेगा:-
1. कोई भी वाहन को सार्वजनिक सड़क या राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग पर पर उतावलेपन या लापरवाही से तेज रफ्तार से कोई भी वाहन चलाएगा।
2. कोई भी वाहन से तात्पर्य है - बस, ट्रक, बाइक, ट्रेक्टर आदि सड़क पर चलने वाले वाहन।
3. तेजरफ्तार से चलने वाले वाहन से जन-जीवन को खतरा होने की संभावना हो।
नोट:- इस धारा का अपराध होने के लिए तेज गति से सार्वजनिक सड़क या कोई भी राजमार्ग पर चलने मात्र से अपराध घटित हो जाता है क्योंकि ऐसे स्थान पर खतरा एवं जन-जीवन क्षति के साथ चोट लगने की संभावना होती है।

आईपीसी की धारा 279 के हत दण्ड का प्रावधान:- 

इस तरह के अपराध समझौता योग्य नहीं होते हैं। यह अपराध संज्ञये एवं जमानतीय होते हैं। इनकी सुनवाई किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती हैं।
सजा- छः माह की कारावास या एक हजार रुपए जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

उधारानुसार वाद:- राजीवनेत्र पाणिग्रही बनाम उड़ीसा राज्य- आरोपी अपने वाहन को इतनी अंधी गति से चला रहा था, कि मोड़ पर वाहन मोड़ते समय वह नियंत्रण खो बैठा। अतः उसे उतावलेपन और लापरवाही तरीके से वाहन चलाने के लिए धारा 279 के अंतर्गत दण्डित किया गया।
बी. आर. अहिरवार होशंगाबाद(पत्रकार एवं लॉ छात्र) 9827737665

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!