इंदौर। निवेश (INVESTMENT) सलाह देने वाली एडवाइजरी कंपनियों के लिए नए संचालन नियम आ रहे हैं। इन कंपनियों को नियामक संस्था सिक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने नए नियमों का मसौदा तैयार कर लागू करने का प्रस्ताव दिया है। नए नियम लागू हुए तो इंदौर में संचालित हो रही सेबी से रजिस्टर्ड एडवाइजरी कंपनियां भी बंद हो जाएंगी।
नए नियमों में निवेश सलाह के बदले वसूली जाने वाली अधिकतम फीस से लेकर कर्मचारियों की योग्यता और कंपनी के प्रकार तक को नियमों में बांधा जा रहा है। प्रस्ताव दिया गया है कि कोई भी रजिस्टर्ड कंपनी एक साल में किसी भी ग्राहक से अधिकतम सवा लाख रुपये तक ही फीस ले सकेगी। अभी ये कंपनियां लाखों रुपये की फीस पैकेज बेच रही हैं। दूसरा और अहम नियम प्रस्तावित किया गया है कि एडवाइजरी कंपनी जो कि प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तौर पर रजिस्टर्ड न होकर प्रोप्राइटरशिप फर्म हो, वह एक समय में 150 से ज्यादा ग्राहकों को सेवा नहीं दे सकेगी। इस नियम से इंदौर की ज्यादातर कंपनियों का रास्ता रुकता दिख रहा है। यहां रजिस्टर्ड सौ से ज्यादा कंपनियों में से बमुश्किल 10 ही प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हैं।
तीसरी और महत्वपूर्ण शर्त डाली जा रही है कि एडवाइजरी कंपनियों में काम करने वाला व्यक्ति एनआईएसएम सर्टिफाइड होगा। यानी उसे स्टॉक मार्केट सलाह संबंधी एक परीक्षा पास करनी होगी। अभी की स्थिति में हर कंपनी में ऐसे दो से तीन लोग ही रखे जाते हैं। ये रिसर्चर के रूप में नियुक्त होते हैं, जबकि कॉलिंग करने वाले कई कर्मचारी रख दिए जाते हैं। इस नियम के बाद हर कंपनी को बड़ी संख्या में एनआईएसएम पास उम्मीदवार रखने होंगे, जो उपलब्ध नहीं हो सकते। लिहाजा तय माना जा रहा है कि सेबी से रजिस्टर्ड एडवाइजरी कंपनियों की राह भी मुश्किल होने जा रही है। नए नियमों को अभी लागू करने की अधिसूचना जारी नहीं की गई है। सेबी के अधिकारियों के मुताबिक बोर्ड की मंजूरी के लिए इन्हें रखा जा रहा है। संभावना है कि नए वित्त वर्ष के साथ नए नियम लागू हो जाएंगे।