भोपाल। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए जयपुर में आयोजित किए गए एक जॉब कैंपस में सिलेक्ट किए गए उम्मीदवारों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है। यह सभी भर्तियां आरक्षण रोस्टर का पालन किए बिना की जा रही थी। राजधानी के प्रमुख मीडिया संस्थानों के साथ भोपाल समाचार ने भी इस मामले को प्रमुखता से उजागर किया था।
MHM: नौकरी के लिए ना तो विज्ञापन जारी किया ना आरक्षण रोस्टर का पालन किया
एनएचएम मप्र के मिशन डायरेक्टर डॉ. जे विजय कुमार ने ज्वाइनिंग पर रोक लगा दी है। इससे पहले मध्य प्रदेश के उम्मीदवारों ने इस मामले में हाईकोर्ट तक जाने की बात की थी। जनवरी में इन उम्मीदवारों का चयन जयपुर के भारतीय स्वास्थ्य प्रबंधन अनुसंधान संस्थान से किया गया था। इसमें मप्र के उम्मीदवारों को प्राथमिकता भी नहीं दी गई। बता दें कि एनएचएम में बाकी विभागों में संविदा पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया जाता है। आरक्षण रोस्टर व प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी नौकरी के लिए उम्र सीमा का नियम भी संविदा भर्ती में उसी तरह से लागू होता है। पहली बार एनएचएम ने इन नियमों का पालन किए बिना उम्मीदवारों का चयन कर लिया है।
फिर से इसी तरह बढ़ती करने की तैयारी थी, मीडिया के कारण रोकनी पड़ी
क्वालिटी कंसल्टेंट के 23, सहायक अस्पताल प्रबंधक के 11 और कम्युनिटी मोबलाइजर के 6 पदों पर उम्मीदवारों का चयन किया गया था। चयन परीक्षा में संस्थान से इसी साल हॉस्पिटल मैनेजमेंट में पीजी करने वाले छात्रों को बैठने की अनुमति थी। एनएचएम के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश के सभी 51 जिलों क्वालिटी कंसल्टेंट व बड़े अस्पतालों में सहायक अस्पताल प्रबंधक नियुक्त किए जाने हैं। खाली पदों पर भर्ती के लिए फिर कैंपस से चयन करने की तैयारी थी, लेकिन खबर प्रकाशित होने के बाद इसे भी रोक दिया गया है।
कैंपस से जो भी भर्तियां की गई थीं, उनमें ज्वाइनिंग लेटर देने पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। कैंपस से भर्तियां तो पहले भी हो रही थीं। इस भर्ती में आरक्षण रोस्टर का पालन भी नहीं हुआ है।
डॉ. जे विजय कुमार, मिशन संचालक एनएचएम