भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा उठाया गया कदम कोई अचानक घटा हुआ घटनाक्रम नहीं है बल्कि कमलनाथ के 3 शब्द 'तो उतर जाएं' के बाद ही शुरू हो गया था। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की और ज्योतिरादित्य सिंधिया की ऑफिशियल मीटिंग आज हुई है लेकिन यह पहली मीटिंग नहीं है। इस विषय पर दोनों की मुलाकात पहले भी हो चुकी है। सारी बातें पहले ही तय हो चुकी थी। माधवराव सिंधिया की जयंती के दिन धमाका किया जाएगा यह भी पैसे से सुनिश्चित था।
बड़ौदा राजपरिवार ने की सिंधिया और मोदी के बीच मध्यस्थता, नरेंद्र सिंह तोमर से भी मुलाकात हो चुकी थी
बताया जा रहा है कि उनकी मुलाकात पहले ही हो चुकी है। प्रधानमंत्री और सिंधिया के बीच मध्यस्थता सिंधिया के ससुराल पक्ष से बड़ौदा राजपरिवार की महारानी ने की। उन्होंने ही सिंधिया को भाजपा से संपर्क के लिए तैयार किया। उधर, प्रधानमंत्री ने सिंधिया से बातचीत का जिम्मा नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपा, क्योंकि ग्वालियर-चंबल के नेताओं में सिंधिया को लेकर अजीब सा पसोपेश रहता है। बताते हैं कि तीन दिन पहले मीटिंग के लिए सिंधिया तोमर के घर भी जा चुके हैं। वहीं आगे की रणनीति पर उनकी बातचीत हुई थी।
दो अलग-अलग घटनाक्रम थे, दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को सिंधिया की रणनीति का पता ही नहीं था
पिछले 10 दिनों में लगातार दो अलग-अलग घटनाक्रम हुए। नरोत्तम मिश्रा ने निर्दलीय एवं कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों से बातचीत करके उन्हें लामबंद किया और दिल्ली ले गए। संजय पाठक, अरविंद भदोरिया और विश्वास सारंग का संगठन ने अपने तरीके से उपयोग किया। इसकी जानकारी दिग्विजय सिंह को लग गई और उन्होंने कुछ भी अप्रिय घटित होने से पहले सरकार को रेस्क्यू कर लिया परंतु ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में ना तो मुख्यमंत्री कमलनाथ को कुछ पता था और ना ही दिग्विजय सिंह को। यह सब कुछ बिल्कुल योजना के अनुसार चलता रहा।
कांग्रेस के 9 रणनीतिकारों ने सरकार बचाने निकाला रास्ता
दिग्विजय सिंह: संकट का आभास सबसे पहले इन्हें हुआ। रणनीतियां बनाने में माहिर। कमलनाथ इनसे पूछे बिना कोई कदम नहीं उठा रहे।
आरके मिगलानी: परिवार में हुई त्रासदी के बाद भी डटकर खड़े है। रणनीति को अंजाम पहुंचाने में माहिर। विधायकों से सीधे बात कर रहे हैं।
विवेक तन्खा: कानूनी व संवैधानिक मामलों के जानकार। सरकार की हर रणनीति को परखकर अपने सुझाव दे रहे हैं।
इनके अलावा सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, जयवर्धन सिंह, सुरेंद्र वर्मा, पीसी शर्मा और बाला बच्चन सरकार की रणनीति को आगे बढ़ाने में जुटे हैं।
भाजपा : ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने की इनकी रणनीति
जेपी नड्डा: भाजपा अध्यक्ष ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर धर्मेंद्र प्रधान को आगे किया। नरेंद्र सिंह तोमर के निवास पर हुई हर बैठक वे शामिल रहे।
शिवराज सिंह चौहान: कांग्रेस विधायकों से संपर्क के लिए रामपाल सिंह, रमाकांत भार्गव को एक्टिव किया। अरविंद भदौरिया को संगठन ने लगाया।
नरेन्द्र सिंह तोमर: सारी रणनीति का केंद्र नरेंद्र सिंह तोमर का निवास रहा। हालांकि सोमवार की बैठक प्रधान के घर पर हुई।
विनय सहस्त्रबुद्धे, नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, आशुतोष तिवारी और रमाकांत भार्गव भाजपा के पूरे ऑपरेशन को डील कर रहे हैं।