जबलपुर। सदर स्थित निजी स्कूल के 11वीं कक्षा के छात्र ने शनिवार को जमतरा पुल से नर्मदा नदी में छलांग लगा दी। स्थानीय नाविक जब तक उसे बाहर निकालते उसकी सांसें थम चुकी थी। पुलिस की प्रारम्भिक जांच में पता चला है कि छात्र घर से परीक्षा देने के लिए निकला था। वह स्कूल जाने के बजाय बाइक से जमतरा पुल चला गया। उधर, छात्र के परिजन का आरोप है कि स्कूल प्राचार्य ने उसे परीक्षा में बैठने से रोका था। बरेला थाने की गौर चौकी पुलिस ने शव को पीएम के लिए भेजते हुए मामले को जांच में लिया है।
पुलिस के अनुसार शनिवार दोपहर दो बजे जमतरा के नाविकों से डायल-100 पर एक छात्र के पुल से नर्मदा नदी में छलांग लगाने की सूचना दी थी। सदर स्थित एपीएन स्कूल की यूनिफॉर्म और परिचय पत्र के आधार पर छात्र की पहचान कांचघर घमापुर निवासी वरुण सेन (17) के रूप में हुई। उसकी बाइक जमतरा पुल पर मिली है। बाइक पर मोबाइल और पर्स रखा हुआ था। वरुण ने दोपहर 1.39 बजे मोबाइल के वाट्स ऐप स्टेटस में मैसेज डाला था- ‘दुखी मत होना, मैं जा रहा हूं।’
पुलिस के अनुसार शनिवार दोपहर दो बजे जमतरा के नाविकों से डायल-100 पर एक छात्र के पुल से नर्मदा नदी में छलांग लगाने की सूचना दी थी। सदर स्थित एपीएन स्कूल की यूनिफॉर्म और परिचय पत्र के आधार पर छात्र की पहचान कांचघर घमापुर निवासी वरुण सेन (17) के रूप में हुई। उसकी बाइक जमतरा पुल पर मिली है। बाइक पर मोबाइल और पर्स रखा हुआ था। वरुण ने दोपहर 1.39 बजे मोबाइल के वाट्स ऐप स्टेटस में मैसेज डाला था- ‘दुखी मत होना, मैं जा रहा हूं।’
निजी अस्पताल में काम करने वाले उमेश सेन ने बताया कि उनका बेटा वरुण शनिवार सुबह 11 बजे बाइक से स्कूल जाने के लिए निकला था। उनका दावा है कि वरुण के साथ पढऩे वाले कुछ छात्रों ने बताया कि उसे प्रिंसिपल अजय वर्मा ने परीक्षा में बैठने से रोका था। उससे घरवालों को बुलाने के लिए कह रहे थे, लेकिन प्राचार्य ने फोन नहीं किया। दोपहर दो बजे जमतरा के नाविकों ने बेटे के छलांग लगाने की सूचना मोबाइल पर दी। स्कूल में एडमिट कार्ड के एवज में 300 रुपए जमा करने का जिक्र वरुण ने मां अनुपमा सेन से किया था।
जमतरा पुल का आधा हिस्सा बरगी और आधा हिस्सा बरेला थाने की सीमा में आता है। वरुण की बाइक बरेला थाने वाले हिस्से में पार्क थी, जबकि शव बरगी क्षेत्र में मिला। इसलिए दोनों थाने की पुलिस मौके पर पहुंची थी। बाद में बरेला पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भिजवाया।
वरुण परिवार का इकलौता बेटा था। उससे छोटी बेटी वंशिका चौथी में पढ़ती है। बेटे की मौत की सूचना पर मां अनुपमा और पिता मौके पर पहुंचे। वे बेटे के शव से लिपटकर काफी देर तक बिलखते रहे। अनुपमा ने रोते हुए कहा, यदि बेटे से कोई गलती हुई थी तो स्कूल प्रबंधन को उसे परीक्षा में बैठने से रोकने के बजाय फोन पर उन्हें सूचना देना चाहिए था।
नकल करते हुए पकड़ा था: APN स्कूल प्रिंसिपल
एपीएन स्कूल के प्राचार्य अजय गुप्ता ने बताया कि गुरुवार को एकाउंटेंसी के पेपर में निरीक्षक ने वरुण को नकल करते पकड़ा था। उसके पास से नकल की आठ पर्ची मिली थी। शनिवार दोपहर एक बजे से पेपर था। दोपहर एक बजे के लगभग वरुण को अभिभावक को स्कूल बुलाने के लिए कहा। उसे रिसेप्शन पर फोन करने के लिए भी भेजा था। इसके बाद काम में व्यस्त हो गया। लेकिन, न वरुण स्कूल आया न ही उसके अभिभावक आए। शाम को हादसे की सूचना मिलीवरुण परिवार का इकलौता बेटा था। उससे छोटी बेटी वंशिका चौथी में पढ़ती है। बेटे की मौत की सूचना पर मां अनुपमा और पिता मौके पर पहुंचे। वे बेटे के शव से लिपटकर काफी देर तक बिलखते रहे। अनुपमा ने रोते हुए कहा, यदि बेटे से कोई गलती हुई थी तो स्कूल प्रबंधन को उसे परीक्षा में बैठने से रोकने के बजाय फोन पर उन्हें सूचना देना चाहिए था।
प्रारम्भिक जांच में छात्र के सुसाइड करने की बात सामने आई है। परिवार वालों ने एपीएन स्कूल के प्राचार्य पर आरोप लगाए हैं। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
सुशील चौहान, टीआई बरेला
सुशील चौहान, टीआई बरेला