भोपाल। मध्य प्रदेश के शासकीय स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों ने सत्याग्रह के 53वें दिन भी क्रमिक भूख हड़ताल में बैठकर भजन के माध्यम से कमलनाथ सरकार को आने का आह्वान किया। आज की क्रमिक भूख हड़ताल में बैजनाथ प्रजापत सीधी बलवीर सिंह सिसोदिया सीहोर देवेंद्र शाक्य सीहोर रामस्वरूप गुर्जर सीहोर अजीत जैन शास्त्री टीकमगढ़ बैठे।
लेकिन आज तक यह गूंगी बहरी सरकार अतिथि शिक्षकों का हाल जानने उनके पास नहीं पहुंची। अतिथि शिक्षक अपने नियमितकरण को लेकर 25 दिसंबर 2019 से अनिश्चितकालीन सत्याग्रह पर बैठे हुए हैं। उनके बीच शिक्षा मंत्री ने आकर उन्हें घर जाने की सलाह दी लेकिन सत्याग्रही अतिथि शिक्षक बिना कुछ लिए मैदान छोड़ने को तैयार नहीं हुए। उनका कहना है कि सरकार हमें हमेशा यह करके घर भेज देती है कि आपके बारे में बहुत जल्दी कुछ ना कुछ करने को सोच रहे हैं। आपके लिए पॉलिसी तैयार की जा रही है और जैसे ही अतिथी शिक्षक मैदान छोड़कर घर जाते हैं सरकार उनके लिए दमनकारी आदेश जारी कर देती है इस वर्ष लगभग 80 परसेंट अतिथि शिक्षक स्कूलों से बाहर हो गए हैं जो 10 साल से कार्य कर रहे थे क्योंकि सरकार ने 3 महीने कार्य करने वालों को अनुभव का 25 अंक दे दिया लेकिन जो अतिथी शिक्षक 10 सालों से कार्य कर रहे थे उनको उनके अनुभव का लाभ नहीं मिला जिससे वह इस साल स्कूल में लगने से रहे।
अतिथि शिक्षक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील परिहार शिक्षा मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री भाजपा सरकार के दिए हुए शिक्षक भर्ती में 25% आरक्षण को अपना बता रहे हैं उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार से हमें कुछ भी नहीं मिला जो कुछ दिया था भाजपा सरकार ने दिया था और 25 % आरक्षण भी भाजपा सरकार की देन है कांग्रेश सरकार की नहीं, लेकिन सरकार को भूल चुकी है और हम उसे जाएंगे।
सत्याग्रह में शामिल अन्य शिक्षकों ने बताया कि हम पिछले वर्ष ऑनलाइन भर्ती से बाहर हो गए हैं और अब हम मजदूरी करने के लायक भी नहीं बचे हैं क्योंकि सरकार ने हमें शिक्षक की उपाधि दे दिया है दे दिया है और हमारा परिवार आज सड़क पर आ गया है हम दाने - दाने के लिए मोहताज हो रहे हैं हमने कांग्रेस सरकार के वचन पर भरोसा करके उसको वोट दिया और उनकी सरकार बनाने में मदद की थी शायद सर कांग्रेश सरकार हमारे भविष्य की चिंता करते हुए हमारे भविष्य को संवारेगी । लेकिन आज 2 माह से सत्याग्रह करते हुए और कांग्रेस सरकार को बने लगभग डेढ़ वर्ष पूरे हो चुके हैं लेकिन सरकार ने आज तक हमारे लिए कुछ भी नहीं किया बल्कि जो भी उन्होंने नियम बनाए हमारे लिए वह दमनकारी साबित हुए।